ननों की गिरफ्तारी पर सियासत: बिफरे बृजमोहन बोले- सेवा की आड़ में धर्मांतरण नहीं चलेगा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गिरफ्तार हुई दोनों नन मामले पर रायपुर से बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में तेज गति से लोभ- लालच देकर लोगों को धर्मांतरण किया जा रहा है। जांच में यह पाया गया कि एक प्रार्थना सभा में वह धर्मांतरण की अपील कर रही थी। इसलिए उनको गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस ने बहुत धर्मांतरण कराया है। हमारे जो आदिवासी राज्य हैं, सब जगह बड़ी संख्या में सेवा को माध्यम बनाकर बड़ी संख्या में धर्मांतरण कराया। धर्मांतरण के पक्ष में कांग्रेस पार्टी और विरोधी दल है तो वह बोले कि हम धर्मांतरण के पक्ष में हैं। अन्यथा उनको माफी मांगनी चाहिए। जो भी कानूनी कार्रवाई होगी वह छत्तीसगढ़ की सरकार करेगी।

दुर्ग सांसद बोले- कांग्रेस के सांसद और नेता मानव तस्करी को दे रहे बढ़ावा
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि, दुर्ग रेलवे स्टेशन में मानव तस्करी और धर्मांतरण कर दो नन द्वारा बस्तर की भोली- भाली आदिवासी बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था, जिन्हें दुर्ग जिला के हमारे जागरुक नागरिकों द्वारा बचाया गया। छत्तीसगढ़ शांतिप्रिय प्रदेश है हम हमारी सरकार अपनी आदिवासी बेटियों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा सबके सामने आ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के सांसद और नेता मानव तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं। यह नन के समर्थन में खड़े हो रहे हैं। विजय बघेल ने आगे कहा- शांतिप्रिय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भ्रम फैलाकर अराजकता पैदा करना चाह रही है। कानून अपना काम कर रही है और यह सभी नन के समर्थन में खड़े होकर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं।

बस्तर सांसद बोले- बस्तर की बेटियों को धर्मांतरण के जाल में फसाया जा रहा
बस्तर सांसद महेश कश्यप ने भी सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने नन गिरफ़्तारी मामले को लेकर कहा- बस्तर की बेटियों को धर्मांतरण के जाल में फसाया जा रहा है। विपक्ष के नाता हमारी आदिवासी बेटियों की तस्करी करने वाले लोगों को संरक्षण दे रहे हैं। इनको नहीं पता है कि, बस्तर की आदिवासी बेटियों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। आगे उन्होंने कहा- शादी का लोभ देकर हमारी बेटियों को धर्मांतरण के जाल में फंसाया जा रहा है। ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं इसलिए जनजाति बहन- बेटियों के सुरक्षा के लिए कानून बनना चाहिए।

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