अब बस्ते में होंगी सिर्फ 4 विषयों की किताबें: आधा लीटर से अधिक की पानी की बोतल भी नहीं होगी अनुमत

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रायपुर।
छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को बस्ते के भारी बोझ से निजात दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। नर्सरी से लेकर कक्षा आठवीं तक के छात्रों के बस्ते अब हल्के होंगे। इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर जांच समितियों का गठन किया गया है, जो बस्तों की जांच कर यह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी छात्र के बस्ते में चार से अधिक विषयों की पुस्तकें या कॉपियां न हों।

एक दिन में केवल 4 विषय पढ़ाई जाएंगी

निजी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कालखंडों (पीरियड) का निर्धारण इस तरह करें कि प्रतिदिन केवल चार विषयों की पढ़ाई ही हो। इन चार विषयों के अलावा छात्रों के बस्तों में न कोई अतिरिक्त वर्कबुक होगी और न ही कोई अतिरिक्त सामग्री।
साथ ही बस्ते का कुल भार 3 से 4 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।

शासकीय बनाम निजी स्कूल: कहां है ज्यादा भार

  • शासकीय स्कूलों में पाठ्यपुस्तक निगम (पापुनि) की किताबों से ही पढ़ाई होती है, इसलिए बस्ते हल्के होते हैं।

  • निजी स्कूलों में हर साल छात्रों पर थोक में किताबें लाद दी जाती हैं, जिससे बस्तों का वजन जरूरत से कहीं ज्यादा हो जाता है।

अधिकारियों के अनुसार, हर साल अभिभावकों की ओर से शिकायतें आती हैं कि बच्चों पर बस्ते का बोझ मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसानदेह हो रहा है। भारी बस्ते के कारण बच्चों में रीढ़ की समस्याएं, थकान और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी सामने आई हैं।

स्कूलों को खुद करनी होगी अतिरिक्त किताबों की व्यवस्था

यदि कोई निजी स्कूल चार से अधिक विषय पढ़ाना चाहता है तो अतिरिक्त किताबों को स्कूल परिसर में ही रखना होगा। छात्रों को वे किताबें घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ निजी स्कूल कार्रवाई से बचने के लिए दो सेट किताबें मंगवाते हैं

  1. एक सेट निजी प्रकाशकों का, जिसकी लागत अभिभावकों को उठानी पड़ती है।

  2. दूसरा सेट पापुनि की किताबों का, ताकि जांच के दौरान दिखाया जा सके कि शासन की किताबें इस्तेमाल हो रही हैं।

यह दोहरी किताब व्यवस्था भी बच्चों के बस्तों को बोझिल और अनावश्यक रूप से महंगा बना रही है।

आधा लीटर से अधिक पानी की बोतल भी नहीं

नई गाइडलाइन के अनुसार, बच्चे आधा लीटर से अधिक क्षमता की पानी की बोतल नहीं लाएंगे। इसका उद्देश्य बस्ते के कुल वजन को नियंत्रित रखना है।

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