रायपुर। राजधानी में अवैध कॉलोनाइजेशन पर जिला प्रशासन और नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। बोरियाखुर्द इलाके में 25 एकड़ कृषि भूमि पर बिना नक्शा और भवन अनुज्ञा के बनाए गए 16 मकानों को बुधवार को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया। यह कॉलोनी पूरी तरह अवैध रूप से विकसित की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल, नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद रहीं।
तीन बार नोटिस के बाद भी नहीं माने कॉलोनाइजर
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार बोरियाखुर्द इलाके में बिना किसी अनुमति के कॉलोनाइजरों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। पहले इसकी शिकायत मिलने पर निगम ने तीन बार नोटिस जारी किया, लेकिन किसी प्रकार का जवाब नहीं मिला। इसके बाद भवनों की दीवारों पर नोटिस चस्पा किए गए। बावजूद इसके निर्माण कार्य नहीं रोका गया और कॉलोनाइजर ग्राहक तलाशने में जुटे रहे। अंततः निगम व प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में इन अवैध मकानों को ढहा दिया गया।
विंध्य नगर में 3 एकड़ में अवैध प्लॉटिंग का भंडाफोड़
अनुग्रह सोसायटी के पीछे विंध्य नगर क्षेत्र में करीब 3 एकड़ निजी भूमि पर बिना अनुमति के प्लॉटिंग की जा रही थी। निगम की टीम को इसकी सूचना मिलने पर जेसीबी मशीन से निर्माणाधीन स्ट्रक्चर तोड़ दिया गया। राजस्व विभाग से भूमि स्वामी की जानकारी ली जा रही है, और जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।
कांदुल और डूंडा में भी हुई बड़ी कार्रवाई
कांदुल रोड स्थित जगदम्बा विहार के पास करीब 10 एकड़ कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग कर बाउंड्रीवाल और सड़क निर्माण किया गया था। वहीं, डूण्डा के दुर्गा विहार क्षेत्र में भी 6 एकड़ जमीन पर अवैध प्लॉटिंग कर कच्ची सड़कों का निर्माण कर दिया गया था। सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर बाउंड्रीवाल को हटाया और सड़क को भी तोड़ दिया।
कार्रवाई में ये नाम आए सामने
नगर निगम सूत्रों के अनुसार इस अवैध कॉलोनी के निर्माण में वालफोर्ट ग्रुप के पंकज लाहोटी, महेश धनगर, योगेन्द्र वर्मा और देवांगन नामक बिल्डर शामिल हैं। ये सभी बिना नक्शा, बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस और बिना डायवर्सन के निर्माण कार्य करा रहे थे। निगम की टीम ने संबंधित स्थल को सील कर दिया है।
खरीदारों के लिए चेतावनी
निगम अधिकारियों ने आम नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि मकान खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि संबंधित प्लॉट या मकान का नक्शा नगर निगम से पास है या नहीं, भवन अनुज्ञा ली गई है या नहीं। कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन रिहायशी निर्माण पूरी तरह से अवैध है, और इससे खरीदार भी कानूनी झंझट में फंस सकते हैं।