दिल हमारे शरीर का इंजन है। यह 24×7 बिना रुके काम करता है। लेकिन जब इसमें समस्या शुरू होती है तो यह कई साल पहले से संकेत देने लगता है। अक्सर लोग इन्हें थकान या उम्र का असर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। नतीजा यह होता है कि जब अचानक हार्ट अटैक आता है तो सब चौंक जाते हैं।
JAMA कार्डियोलॉजी में पब्लिश हुई CARDIA स्टडी के मुताबिक, दिल की बीमारी के शुरुआती संकेत करीब 10-12 साल पहले से दिखने लगते हैं। खासतौर पर शारीरिक गतिविधि (Physical Activity) धीरे-धीरे कम होने लगती है। यह सिर्फ बढ़ती उम्र नहीं, बल्कि दिल की नसों में ब्लॉकेज का पहला इशारा हो सकता है।
क्यों जरूरी है एक्टिव रहना?
-
दिल शरीर को ब्लड और ऑक्सीजन सप्लाई करता है।
-
एक्टिविटी कम होते ही ब्लड वेसल्स कमजोर होती हैं और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ता है।
-
हफ्ते में 150 मिनट की एक्टिविटी (तेज चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या तैरना) दिल को मजबूत रखती है।
-
पहले से हार्ट समस्या है तो डॉक्टर की सलाह से धीरे-धीरे शुरू करें।
⚠️ हार्ट अटैक से पहले दिखने वाले 12 संकेत
ये संकेत धीरे-धीरे सालों में दिखते हैं। अगर इन्हें समय पर समझ लिया जाए तो हार्ट अटैक का रिस्क टाला जा सकता है:
-
लगातार थकान रहना
-
सांस फूलना, सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत
-
अचानक पसीना आना
-
छाती में दबाव या हल्का दर्द
-
हाथ-पैरों में कमजोरी या झुनझुनी
-
बेचैनी और नींद की दिक्कत
-
खर्राटे या स्लीप एप्नीया के लक्षण
-
अचानक वजन बढ़ना या पेट पर चर्बी जमा होना
-
हाई BP या शुगर का अनकंट्रोल रहना
-
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (पुरुषों में)
-
बार-बार चक्कर या बेहोशी जैसा महसूस होना
-
अचानक दिल की धड़कन बढ़ना (Palpitations)
⏳ संकेतों की टाइमलाइन कैसे समझें?
-
10-12 साल पहले: थकान और एक्टिविटी में कमी
-
5-7 साल पहले: नींद की दिक्कत, वजन बढ़ना, BP/शुगर अनकंट्रोल
-
2-3 साल पहले: इरेक्टाइल डिसफंक्शन, सांस फूलना
-
1-2 साल पहले: छाती में दबाव, धड़कन बढ़ना, लगातार थकान
यहीं से खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
❌ अगर इन संकेतों को नजरअंदाज किया तो?
-
धीरे-धीरे ब्लॉकेज बढ़ता जाएगा।
-
दिल की नसें कमजोर होंगी।
-
हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक या डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या सामने आ सकती है।
-
और अंततः अचानक हार्ट अटैक हो सकता है।
क्या करें अगर ऐसे लक्षण दिखें?
-
डॉक्टर से तुरंत चेकअप कराएं।
-
ब्लड टेस्ट, ECG और इको ज़रूरी हैं।
-
दवा और लाइफस्टाइल चेंज से शुरुआती स्टेज पर कंट्रोल संभव है।
-
हेल्दी रूटीन अपनाएं:
-
हफ्ते में 150 मिनट व्यायाम
-
संतुलित आहार (कम नमक-चीनी, ज्यादा फल-सब्जियां)
-
वजन कंट्रोल
-
तनाव कम करें (योग/मेडिटेशन)
-
धूम्रपान और शराब से दूरी
-
सालाना हेल्थ चेकअप
-
याद रखें, हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। यह सालों की लापरवाही का नतीजा होता है। छोटे-छोटे संकेतों को नजरअंदाज न करें और समय रहते सावधानी बरतें।