पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भारतीय टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पंत को टीम से ऐसे बाहर कर दिया गया, जैसे दूध से मक्खी निकालकर फेंक दी जाती है।
पंत की टी20 फॉर्म पर उठे सवाल
ऋषभ पंत के करियर का सबसे बड़ा रहस्य यही रहा है कि जहां टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्ला जमकर रन बरसाता है, वहीं टी20 में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के शुरुआती सीज़न में उन्होंने धमाकेदार पारियां खेलीं, लेकिन बाद के वर्षों में उनका प्रदर्शन गिरता चला गया। भारतीय टी20 टीम में भी उनकी वापसी कोई खास असर नहीं छोड़ सकी।
वर्ल्ड कप में भारत के तीसरे सबसे बड़े रन-स्कोरर थे पंत
टी20 में संघर्ष के बावजूद पंत को पिछले साल हुए टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा बनाया गया था, और भारत ने यह टूर्नामेंट जीता भी। आकाश चोपड़ा के मुताबिक, उस वर्ल्ड कप में ऋषभ पंत भारतीय टीम के तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।
उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा:
“जब पंत पहले से तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हैं, तो उनका स्ट्राइक रेट 156 और औसत 34 का होता है, जो काफी अच्छा है। चौथे से सातवें नंबर पर उनका स्ट्राइक रेट 140 और औसत 30 का है। यह भी किसी भी बल्लेबाज के लिए बुरा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद उनके बारे में बात न होना हैरान करने वाला है।”
‘दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया’
चोपड़ा ने आगे कहा:
“टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद, कोई भी ऋषभ पंत की उस उपलब्धि पर चर्चा नहीं कर रहा। ऐसा लगता है जैसे उन्हें दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया गया हो। आईपीएल में उनका प्रदर्शन अच्छा न होना इसका कारण हो सकता है, लेकिन इतनी उपेक्षा अजीब है।”
आईपीएल की ऊंची बोली और कप्तानी पर दबाव
पंत आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें 27 करोड़ रुपये की भारी-भरकम बोली पर खरीदा गया। दिल्ली कैपिटल्स छोड़कर लखनऊ की टीम में आने के बाद उन पर कप्तान के तौर पर प्रदर्शन का दबाव और बढ़ गया।
दिल्ली में जहां वे प्रबंधन की आंतरिक खींचतान से जूझते दिखे, वहीं लखनऊ में उन्हें एक नए माहौल का सामना करना पड़ा, जहां उनके पूर्ववर्ती कप्तान को टीम मालिक द्वारा सार्वजनिक रूप से फटकार मिली थी। एक कप्तान के तौर पर भी पंत कभी प्रेरणादायी नेता की छवि नहीं बना पाए।
नतीजा
ऋषभ पंत की कहानी इस समय भारतीय क्रिकेट का बड़ा सवाल है—क्या उनकी बल्लेबाज़ी प्रतिभा को सही मायने में पहचान नहीं मिल रही, या फिर लगातार दबाव और टी20 में उतार-चढ़ाव ने उन्हें पीछे धकेल दिया है? आकाश चोपड़ा का यह बयान उनकी अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े करता है।