बलौदा बाजार में सूदखोरी का जाल : दर-दर भटक रहा परिवार, पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल…!!

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बलौदा बाजार – छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में सूदखोरी का काला कारोबार बेकाबू होता जा रहा है। यहां के एक दंपत्ति से सूदखोरों ने गाड़ी की किस्त चुकाने के लिए रकम उधार ली थी। शुरुआत में 15 दिन और महीने के हिसाब से ब्याज वसूला गया, लेकिन बाद में यह दर सप्ताह में 10 प्रतिशत तक पहुंच गई।

पुरानी बस्ती बलौदा बाजार निवासी हेमंत कुमार कन्नौजे ने बताया कि, उन्होंने 50 हजार रुपये का कर्ज ब्याज सहित चुका दिया था। इसके बावजूद मार्च 2024 में उन्हें 1 लाख रुपये और लेना पड़ा। इन बीते साल भर में पीड़ित पक्ष नगद एवं यूपीआई पेमेंट के माध्यम से लाखों रुपये लौटा चुका इसके बाद भी लगातार दबाव और वसूली का सिलसिला जारी है।

पीड़ितों को दी जा रही धमकी
पीड़ित का आरोप है कि, हेमलाल सिन्हा और उनकी पत्नी पिंकी सिन्हा उनसे गाली-गलौच कर रहे हैं, कोरे चेक और कोरे स्टाम्प जबरन ले लिए गए हैं और गाड़ी खींचने की धमकी दी जा रही है। डेढ़ साल से बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं चुकाई जा सकी है। परिवार और दोस्तों तक को गुंडों के जरिए धमकाया जा रहा है।

एसपी से शिकायत के बाद भी नहीं निकला हल
सूदखोर 5 से 10 प्रतिशत साप्ताहिक ब्याज की दर से रकम देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। पीड़ित मूलधन से कई गुना रकम चुका देने के बाद भी छुटकारा नहीं पा पाते। सबसे गंभीर बात यह है कि इस दंपति ने अपनी समस्या लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक शिकायत की, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी। एसपी कार्यालय ने इस प्रकरण को लेन-देन का मामला कहकर चलता कर दिया।

न्याय के लिए भटक रहा पीड़ित परिवार
अब बड़ा सवाल यह है कि, जब मूलधन से कई गुना रकम वसूल की जा चुकी है और धमकी-उत्पीड़न का सिलसिला जारी है, तब भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या प्रशासन सूदखोरों के दबाव में है? या फिर वसूली के इस अवैध कारोबार में कहीं न कहीं पुलिस की भी मिलीभगत है। पीड़ित परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहा है और न्याय के लिए भटक रहा है। लेकिन जब तक इस काले कारोबार पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक न जाने कितने और परिवार सूदखोरों के जाल में फंसकर बर्बाद होते रहेंगे।

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