रायपुर – छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2025-26 की नई धान उपार्जन नीति बनकर तैयार है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नीति को जल्द होने वाली राज्य मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद नीति लागू हो जाएगी। खास बात ये है कि इस नीति में केंद्र सरकार के दिशा निर्देश भी शामिल किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से इस सीजन में 73 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की स्वीकृति दे दी है। इस साल भी 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू होगी जो 31 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी। छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए नई धान उपार्जन नीति बनकर तैयार है।
खास बात ये है कि, इस बार यह नीति केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के आधार पर बनाई जा रही है। यही नहीं राज्य में इस साल से नए धान उपार्जन केंद्र खोलने की तैयारी है, इसके साथ ही उपार्जन केंद्रों को फाइव स्टार रेटिंग भी दी जाएगी। राज्य की नई धान उपार्जन नीति बनाने के सिलसिले में पिछले दिनों भारत सरकार के खाद्य विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में नई नीति संबंधी दिशा निर्देशों के मद्देनजर एक कार्यशाला भी रखी गई थी। लिहाजा अब बनाई जा रही नीति नई तकनीक व्यवस्था पर आधारित होगी।
उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ेगी
छत्तीसगढ़ में इस समय धान उपार्जन केंद्रों की संख्या 2739 है। लेकिन सरकार का इरादा उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ाने का है। माना जा रहा है कि दूर दराज के इलाके जहा से किसानों को अपना धान बेचने के अधिक दूरी तय करनी पड़ती है, उन इलाकों को चिन्हांकित कर नए उपार्जन केंद्र बनाए जाएंगे। इससे किसानों को धान बेचने में सुविधा होगी। इसके साथ ही खरीदे गए धान को राइस मिलर, मार्कफेड के संग्रहण केंद्रों तक पहुँचाने में आसानी होगी। इसके साथ ही धान का निराकरण समय पर हो सकेगा।
उपार्जन केंद्रों की फाइव स्टार रेटिंग
राज्य में यह पहला जक्सर होगा जब धान उपार्जन केंद्रों को फाइव स्टार तक रेटिंग दी जाएगी। राज्य में मौजूदा 2739 उपार्जन केंद्रों में से 1600 एंट्री लेवल के है। इनका उन्नयन किया जाएगा। इसके साथ ही भारत सरकार के निर्देश है कि उपार्जन केंद्रों में बिजली, पानी, पंहुच मार्ग सड़क, सीमेंटीकृत चबूतरा, ड्रेनेज सिस्टम, इंटरनेट की व्यवस्था, किसानों के रुकने की व्यवस्था, सहित आवश्यक 17 प्रकार की व्यवस्था करने कहा गया है। इसके साथ ही उपार्जन केंद्रों की दोडिंग करने के लिए कहा गया है। इसी आधार पर उपार्जन केंद्रों की दोडिंग की जाएगी। कुल मिलाकर धान उपार्जन की नई नीति तैयार होने के बाद इसे शासन की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
केंद्र के निर्देश भी होंगे लागू
खास बात ये है कि इस सीजन की धान उपार्जन नीति में केंद्र सरकार के दिशा निर्देश शामिल किए जाएंगे। इस संबंध में 1 सितंबर को भारत सरकार के खाद्य विभाग द्वारा आयोजित बैठक में निर्देश दिए गए हैं। इसमें सबसे अहम बात ये है कि केंद्र सरकार सेंट्रल पूल के लिए इस बार छत्तीसगढ़ से 73 लाख मीट्रक टन चावल खरीदने की मंजूरी दे चुका है। धान खरीदी 1 नवंबर से शुरु होकर 31 जनवरी 2026 तक चलने की संभावना है।