छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मचांदूर गांव में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की रात पुलिसकर्मियों और एक आर्मी जवान के बीच बड़ा विवाद हो गया। जवान की मां नेहा निषाद का आरोप है कि घर में लगे भगवान राम के भगवा झंडे को जबरन हटाने के लिए दो पुलिसवाले पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बेटे कौशल निषाद (जो छुट्टी पर घर आया हुआ था) के साथ गाली-गलौज करते हुए कॉलर पकड़कर धमकाया।
वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी जवान से कह रहा है – “होशियारी मत मार, दुनिया बिगाड़ दूंगा।”
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने त्योहार का हवाला देकर झंडा उतारने को कहा, लेकिन जब नेहा निषाद ने मना किया तो पुलिसकर्मी भड़क गए और जबरदस्ती जवान को पकड़कर थाने ले जाने की कोशिश की।
बजरंग दल आया समर्थन में
घटना के बाद बजरंग दल ने पीड़ित परिवार का समर्थन किया। संगठन के संयोजक रवि निगम ने आरोप लगाया कि गांव में हिंदू परिवारों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। यहां करीब 40-50 मुस्लिम परिवार और केवल दो हिंदू परिवार रहते हैं।
उनका दावा है कि गांव के कुछ लोगों ने निषाद परिवार के साथ मारपीट की, जान से मारने की धमकी दी और इस पूरे मामले में दो पुलिसकर्मी भी नशे की हालत में शामिल रहे।
बजरंग दल ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि गांव में गौ-तस्करी और अवैध कब्जे जैसी गतिविधियां चल रही हैं। संगठन ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया।
चेतावनी: कार्रवाई नहीं तो आंदोलन
शनिवार को बजरंग दल ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए, FIR दर्ज हो और मुस्लिम पक्ष के हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जाए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि जल्दी कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पुलिस का जवाब
दुर्ग के एडिशनल एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि घटना का वीडियो वायरल हो चुका है और जिन पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। साथ ही, गांव में अवैध रूप से रह रहे लोगों की जांच भी शुरू कर दी गई है और राजस्व विभाग को पत्र भेजा गया है।