SSC ने लगाया कड़ा प्रतिबंध: सोशल मीडिया पर पेपर्स का एनालिसिस, डिस्कशन और शेयरिंग पर पाबंदी

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स्‍टाफ सिलेक्‍शन कमीशन (SSC) ने अपने एग्ज़ाम पेपर्स को लेकर नई चेतावनी जारी की है। आयोग ने कहा है कि अब किसी भी SSC एग्ज़ाम के प्रश्न पत्र का सोशल मीडिया पर एनालिसिस, चर्चा या शेयरिंग करना सख्त मना है। इस नियम का उल्लंघन करने पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना या 10 साल तक की जेल हो सकती है।

SSC के नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि सभी कंटेंट क्रिएटर्स, टीचर्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सतर्क किया जाता है कि वे SSC के किसी भी एग्ज़ाम पेपर का डिस्कशन, एनालिसिस या डिसेमिनेशन न करें। उल्लंघन करने वालों पर सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत सख्त कार्रवाई होगी।

आयोग ने बताया कि हाल ही में कई प्लेटफॉर्म्स पर SSC के जारी या समाप्त हो चुके पेपर्स का एनालिसिस और चर्चा देखा गया है, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता प्रभावित हो रही है।

शिक्षकों की राय
दिल्ली के SSC तैयारी कराने वाले शिक्षक प्रभंजन भदौरिया का कहना है कि यह फैसला सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों पर नकारात्मक असर डालेगा। उन्होंने बताया कि पिछले पेपर्स का अध्ययन छात्रों की तैयारी के लिए बेहद जरूरी होता है, क्योंकि अधिकांश पेपर पैटर्न पुराने पेपर्स के अनुसार ही आता है।

भदौरिया ने कहा, “SSC को पेपर लीक रोकने के लिए अन्य वैकल्पिक उपाय अपनाने चाहिए। इस निर्णय से सीधे छात्रों की तैयारी और प्रदर्शन प्रभावित होगा।”

कानूनी प्रावधान
PEA एक्ट, 2024 के तहत उल्लंघन करने वाले अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय होंगे। दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 3-5 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। संस्थानों पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना, भविष्य की परीक्षाओं से अयोग्यता और लागत वसूली का प्रावधान है। संगठित अपराध में 5-10 साल की जेल और 1 करोड़ तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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