हरियाणा के कुरुक्षेत्र से निकलकर गीता का संदेश अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल रहा है। इस बार इंडोनेशिया के बाली में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें वहां के प्रतिनिधिमंडल ने कुरुक्षेत्र में जमीन की मांग की ताकि वे इस पवित्र भूमि से सीधे जुड़ सकें।
महोत्सव और प्रतिनिधिमंडल
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यह आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और जियो गीता के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
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बाली की प्रांतीय विधायिका ने प्रस्ताव रखा कि उन्हें कुरुक्षेत्र में भूमि उपलब्ध करवाई जाए।
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हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से चर्चा कर सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
महोत्सव का ऐतिहासिक महत्व
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2016 में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत हुई थी।
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भारत के बाहर इसे पहली बार 2019 में मॉरीशस और लंदन में आयोजित किया गया।
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इसके बाद 2022 में कनाडा, 2023 में ऑस्ट्रेलिया, और 2024 में श्रीलंका में यह महोत्सव मनाया गया।
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इस वर्ष यह इंडोनेशिया में आयोजित हो रहा है।
कुरुक्षेत्र का विकास और महाभारत अनुभव
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हरियाणा सरकार ने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को महापर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया है।
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हरियाणा कृष्णा सर्किट के तहत 175 करोड़ रुपये की लागत से महाभारत युद्ध से जुड़े 134 स्थानों को पर्यटन स्थलों के रूप में संवारा जा रहा है।
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कुरुक्षेत्र में महाभारत अनुभव केंद्र का निर्माण 90% पूरा हो चुका है, जहाँ पर्यटक महाभारत के हर पहलू को महसूस कर सकेंगे।
गीता का वैश्विक संदेश
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पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि गीता के संदेश से दुनिया भर में चल रहे संघर्षों के समाधान में मदद मिलेगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार गीता का संदेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला रही है।
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डॉ. शर्मा के अनुसार, अगर पूरी दुनिया गीता के संदेश को समझ ले तो झगड़े समाप्त होंगे और विश्व एक परिवार के रूप में एकजुट होगा।
प्रमुख उपस्थित व्यक्ति
इस अवसर पर उपस्थित थे:
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गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज
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विदेश मंत्रालय सचिव (दक्षिण) डॉ. नीना मल्होत्रा
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भारत के महावाणिज्य दूत बाली डॉ. शशांक विक्रम
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केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंहल, सीईओ पंकज सेतिया
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बाली राज्य सदन के वाइस चेयरमैन नोवा सेवीपुत्रा
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करनाल महापौर रेणु बाला गुप्ता और अन्य गणमान्य अधिकारी