एक तकनीकी गलती से रातों-रात कई लोग बने लखपति, कंपनी को 40 करोड़ का झटका
गुरुग्राम बेस्ड डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक की बड़ी लापरवाही ने हरियाणा के नूंह, पलवल और गुरुग्राम जिलों में हड़कंप मचा दिया। महज़ 48 घंटे की एक तकनीकी चूक ने सैकड़ों यूजर्स को रातों-रात लखपति बना दिया।
कैसे हुई चूक?
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11-12 सितंबर को कंपनी ने सॉफ्टवेयर अपडेट जारी किया।
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इसी दौरान सिक्योरिटी चेक डिसेबल हो गया।
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नतीजा ये हुआ कि –
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गलत UPI पिन डालने पर भी ट्रांजैक्शन पास हो रहे थे।
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अकाउंट में बैलेंस न होने पर भी पैसा ट्रांसफर हो रहा था।
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फेल ट्रांजैक्शन भी सक्सेसफुल दिखाए जा रहे थे।
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यानी सिस्टम फेल होते ही यूजर्स ने जमकर फायदा उठाया और सिर्फ दो दिन में 40 करोड़ रुपए निकाल लिए।
सबसे ज्यादा नुकसान कहाँ हुआ?
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नूंह जिले में अकेले 30 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए।
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बाकी 10 करोड़ गुरुग्राम और पलवल में गए।
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नूंह का नाम वैसे भी “साइबर फ्रॉड” के मामलों में झारखंड के जामताड़ा से तुलना पाता है।
मेडिकल स्टोर संचालक के खाते में 1.13 करोड़!
नूंह के एक मेडिकल स्टोर मालिक सुरेंद्र के मोबिक्विक वॉलेट में अचानक 1.13 करोड़ रुपए शो हुए।
वहीं, दो अन्य यूजर्स के खाते में 7.5 लाख रुपए-7.5 लाख रुपए आ गए।
कब और कैसे पकड़ा गया मामला? ⏱️
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12 सितंबर को इंटरनल ऑडिट के दौरान गड़बड़ी पकड़ में आई।
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कंपनी ने तुरंत जांच शुरू की और 13 सितंबर को गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
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अब तक 2500 खाते फ्रीज हो चुके हैं। इनमें करीब 8 करोड़ रुपए फंसे हैं।
पुलिस की कार्रवाई
गुरुग्राम पुलिस ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें नूंह और पलवल जिले के कई व्यापारी शामिल हैं।
कुल मिलाकर, 6000 खाते जांच के दायरे में हैं।
कंपनी का पक्ष
मोबिक्विक ने स्टॉक एक्सचेंज और सेबी को सफाई देते हुए कहा –
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इस मामले में कंपनी के किसी कर्मचारी की मिलीभगत नहीं।
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अब तक करीब 14 करोड़ रुपए रिकवर किए जा चुके हैं।
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बाकी रकम वसूलने के लिए रिकवरी कैंप लगाए गए हैं।
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पैसे न लौटाने वालों पर FIR होगी।
निवेशकों पर असर
17 सितंबर को मोबिक्विक के शेयर 2.4% गिरकर ₹303.90 तक पहुंच गए।
यह साफ संकेत है कि इस गड़बड़ी ने कंपनी की साख और भरोसे को बड़ा झटका दिया है।
निष्कर्ष ✍️
हरियाणा के नूंह से शुरू हुई ये कहानी बताती है कि एक छोटी सी तकनीकी गलती कैसे करोड़ों की चपत लगा सकती है।
कुछ लोगों के लिए ये “रातों-रात लखपति बनने का सपना” बन गया, लेकिन अब कंपनी रिकवरी मोड में है और पुलिस सख्ती से जांच कर रही है।