वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप: 40 सेंटीमीटर से मेडल चूके सचिन यादव, नीरज-नदीम दोनों हुए बाहर

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टोक्यो में चल रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में भारत को निराशा हाथ लगी।

  • भारत के सचिन यादव ने अपने करियर का बेस्ट थ्रो (86.27 मीटर) किया, लेकिन वे महज 40 सेंटीमीटर से ब्रॉन्ज मेडल चूक गए और चौथे स्थान पर रहे।

  • नीरज चोपड़ा, जो मौजूदा चैंपियन थे, 84.03 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ आठवें स्थान पर रहकर बाहर हो गए

  • पाकिस्तान के अरशद नदीम भी 82.75 मीटर के बेस्ट स्कोर के साथ 10वें स्थान पर रहे


गोल्ड किसने जीता?

  • त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशॉर्न वाल्कॉट ने शानदार 88.16 मीटर का थ्रो करके गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

  • ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 87.38 मीटर के साथ सिल्वर जीता।

  • वहीं अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन ने 86.67 मीटर फेंककर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्ज़ा जमाया।


भारतीय और पाकिस्तानी थ्रोअर्स का प्रदर्शन

नीरज चोपड़ा

  • पहला थ्रो – 83.65 मीटर

  • दूसरा थ्रो – 84.03 मीटर (बेस्ट)

  • तीसरा – फाउल

  • चौथा – 82.86 मीटर

  • पाँचवाँ – फाउल
    कुल मिलाकर नीरज का बेस्ट 84.03 मीटर रहा और वे आठवें नंबर पर बाहर हो गए।

अरशद नदीम (पाकिस्तान)

  • पहला थ्रो – 82.75 मीटर

  • दूसरा – फाउल

  • तीसरा – 82.73 मीटर

  • चौथा – फाउल
    नदीम का बेस्ट 82.75 मीटर रहा और वे 10वें नंबर पर रहे।

सचिन यादव (भारत)

  • पहला थ्रो – 86.27 मीटर (बेस्ट)

  • दूसरा – फाउल

  • तीसरा – 85.71 मीटर

  • चौथा – 84.90 मीटर

  • पाँचवाँ – 85.96 मीटर

  • छठा – 80.95 मीटर
    सचिन पूरे मुकाबले में शानदार रहे, लेकिन 40 सेंटीमीटर के अंतर से ब्रॉन्ज हाथ से निकल गया


मुकाबले का रोमांच

  • चौथे प्रयास तक कई एथलीट बाहर हो चुके थे।

  • पाँचवें थ्रो के बाद नीरज समेत अन्य खिलाड़ी टॉप-8 से बाहर हो गए।

  • अंत तक मुकाबला वाल्कॉट और पीटर्स के बीच रोमांचक बना रहा।


नतीजा

  • गोल्ड – केशॉर्न वाल्कॉट (त्रिनिदाद एंड टोबैगो) – 88.16 मीटर

  • सिल्वर – एंडरसन पीटर्स (ग्रेनाडा) – 87.38 मीटर

  • ब्रॉन्ज – कर्टिस थॉम्पसन (अमेरिका) – 86.67 मीटर

  • चौथा स्थान – सचिन यादव (भारत) – 86.27 मीटर


इस बार नीरज और नदीम के फ्लॉप शो के बीच सचिन यादव ने उम्मीद की किरण दिखाई। उनका प्रदर्शन बताता है कि भारत के पास जेवलिन में नया स्टार उभर रहा है, बस मेडल तक पहुंचने के लिए थोड़ी और धार की ज़रूरत है।

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