जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। शुक्रवार शाम से उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान उधमपुर के दूदू-बसंतगढ़ इलाके और डोडा के सोजधार जंगलों में छिपे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
गोलियों की इस बरसात में भारतीय सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन शनिवार सुबह उसने वीरगति प्राप्त कर ली। सेना ने पूरी रात इलाके को घेरकर रखा और सुबह होते ही दोबारा ऑपरेशन शुरू किया।
हाई-टेक घेराबंदी, ड्रोन और स्निफर डॉग्स मैदान में
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उधमपुर और डोडा की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
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किश्तवाड़ में भी शुक्रवार रात से मुठभेड़ जारी है।
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आतंकियों की तलाश में सेना ड्रोन, स्निफर डॉग्स और आधुनिक हथियारों की मदद ले रही है।
इससे पहले: कुलगाम में शहादत और आतंकी ढेर
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8 सितंबर – ऑपरेशन गुड्डर (कुलगाम): लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मारे गए। इनमें स्थानीय आतंकी आमिर अहमद डार और विदेशी आतंकी रहमान भाई शामिल थे।
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इस ऑपरेशन में भारत के दो वीर—लांस नायक नरेंद्र सिंधु (हरियाणा, कैथल) और पैरा कमांडो प्रभात गौड़ (उत्तर प्रदेश)—ने अपनी जान न्यौछावर कर दी।
अगस्त के बड़े एनकाउंटर
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26 अगस्त, गुरेज सेक्टर: सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया। इनमें कुख्यात बागू खान भी शामिल था, जो 1995 से 100 से ज्यादा घुसपैठ प्रयासों में शामिल रहा था।
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1-12 अगस्त, कुलगाम ऑपरेशन अखल: घाटी का सबसे लंबा ऑपरेशन, जिसमें लश्कर का आतंकी हारिस डार (पुलवामा निवासी) ढेर किया गया।
पुंछ में हथियारों का बड़ा जखीरा
भारतीय सेना और JKP ने पुंछ सेक्टर में संयुक्त ऑपरेशन कर भारी मात्रा में हथियार बरामद किए। इसमें AK-47 राइफल, चार मैगजीन, 20 हैंड ग्रेनेड और अन्य गोला-बारूद शामिल हैं।
घाटी में बढ़ती इन मुठभेड़ों से साफ है कि आतंकियों के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई जारी है। हालांकि इसकी कीमत हमारे बहादुर जवान अपनी शहादत देकर चुका रहे हैं, लेकिन हर ऑपरेशन में आतंकी नेटवर्क को तोड़ा जा रहा है।