शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन भक्तिभाव से सराबोर रहा। पूरे छत्तीसगढ़ में मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की पूजा-अर्चना हुई। रायपुर की मां महामाया को आज पीले वस्त्रों में श्रृंगारित किया गया, जबकि बस्तर की मां दंतेश्वरी को लाल फूलों से भव्य सजावट दी गई।
डोंगरगढ़ में उमड़ा जनसैलाब
मां बम्लेश्वरी के दरबार में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने खास तैयारियां की हैं।
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कुम्हारी से अंजोरा बाईपास तक विशेष कॉरिडोर बनाया गया है।
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24 घंटे 4 पेट्रोलिंग वाहन निगरानी में रहेंगे और यात्रियों को निर्देश देंगे कि पदयात्री सड़क के बाईं ओर चलें।
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भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर प्रांगण में जिगजैग बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है।
रेलवे ने बढ़ाई सुविधाएं
भक्तों की सुविधा के लिए रेलवे ने 10 एक्सप्रेस ट्रेनों को डोंगरगढ़ स्टेशन पर 9 दिनों तक अस्थायी स्टॉपेज दिया है।
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दुर्ग-डोंगरगढ़ के बीच एक मेमू स्पेशल ट्रेन भी चलाई गई है।
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गोंदिया-दुर्ग मेमू को रायपुर तक बढ़ाया गया है।
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रायपुर-डोंगरगढ़ मेमू को अस्थायी तौर पर गोंदिया तक बढ़ाया गया है।
प्रमुख शक्ति पीठों की झलक
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रतनपुर (बिलासपुर): यहां का महामाया मंदिर 52 शक्ति पीठों में से एक है।
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दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी मंदिर को माना जाता है कि यहीं देवी का दांत गिरा था।
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अंबिकापुर: महामाया अंबिका देवी का प्राचीन मंदिर श्रद्धा का बड़ा केंद्र है।
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सक्ती: चंद्रहासिनी माता का मंदिर, जहां सती का दाढ़ गिरा था।
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कोरबा: सर्वमंगला देवी मंदिर, जो पौराणिक गुफाओं से घिरा है।
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गरियाबंद: जतमई माता मंदिर, जहां जलधाराएं माता के चरणों को स्पर्श करती हैं।
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महासमुंद: मां चंडी मंदिर, जहां 24×7 ऑनलाइन लाइव दर्शन की सुविधा शुरू की गई है।
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राजनांदगांव: बरफानी धाम, जहां तीन स्तरों पर शिव और शक्तियों का संगम है।
भक्तों के लिए नई व्यवस्थाएं
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डोंगरगढ़ आने वाले पैदल श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने कॉरिडोर और दिशा-निर्देश तय किए हैं।
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पुलिस ने पैदल यात्रियों और वाहनों के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित किए हैं।
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दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त वाहन व्यवस्था भी की गई है।