मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने मंगलवार को कहा कि बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ आदेश जारी करना उनके लिए बेहद संतोषजनक अनुभव था। उन्होंने बताया कि इस फैसले में मानवीय दृष्टिकोण भी शामिल था। उनका मानना है कि किसी पूरे परिवार को केवल इसलिए परेशान नहीं किया जा सकता कि उस परिवार का कोई सदस्य अपराध में लिप्त हो।
CJI गवई यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एकेडमिक समूह, 269वें फ्राइडे ग्रुप के कार्यक्रम के दौरान की। इस बेंच में उनके साथ जस्टिस केवी विश्वनाथन भी मौजूद थे। गवई ने कहा कि अधिकांश श्रेय उन्हें दिया गया है, लेकिन इस फैसले के लेखन में जस्टिस विश्वनाथन का भी योगदान महत्वपूर्ण रहा।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में बुलडोजर कार्रवाई से संबंधित फैसला सुनाया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकारी अधिकारी जज नहीं बन सकते और वे यह तय नहीं कर सकते कि कौन दोषी है।
मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
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अगर अधिकारी बिना 15 दिन का नोटिस दिए निर्माण या संपत्ति गिराते हैं, तो उसे दोबारा बनाना उनका खर्च होगा।
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अदालत ने कुल 15 गाइडलाइंस जारी की थीं।
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आदेश में मानवता और संवैधानिक मूल्यों को ध्यान में रखने पर जोर दिया गया।
CJI गवई ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में केवल कानून के कठोर अनुपालन से काम नहीं चलता, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाना भी जरूरी है। इस फैसले से यह संदेश गया कि कानून और मानवाधिकार दोनों का संतुलन बनाए रखना न्यायपालिका की प्राथमिकता है।