सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष सितंबर माह में राजभाषा पखवाड़ा मनाया जाता है। पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में दिनांक 24 सितंबर 2025 को इस्पात भवन द्वितीय तल स्थित सभागार में संयंत्र स्तरीय तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन, जनसंपर्क एवं प्रभारी राजभाषा) श्री राजीव कुमार उपस्थित थे। महाप्रबंधक (मानव संसाधन- संकार्य) श्री संजय द्विवेदी एवं महाप्रबंधक (सी. एंड आई.टी.) सुश्री शिवानी जत्रेले प्रतियोगिता के निर्णायक थे।
प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने तात्कालिक रूप से मिले रोचक विषयों “ऑनलाइन गेमिंग और बच्चों पर प्रभाव”, “अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की प्रगति”, “नारी शिक्षा: सामाजिक सुधार की कुंजी”, “समय प्रबंधन का महत्व”, “खेलों का जीवन में महत्व”, “कृषि संकट और समाधान”, “एक रहें-नेक रहें”, पर अपने भाषण शैली, वक्तृत्व कला, कौशल एवं ज्ञान का प्रयोग करते हुए प्रतिभागिता दी।
प्रतियोगिता में प्रथम- सुश्री अमृता गंगराडे, उप महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा विभाग), द्वितीय- डॉ. शीतल चन्द्र शर्मा, शिक्षक, शिक्षा विभाग, तृतीय- श्री विटेश्वर नाथ, उप प्रबंधक, सिंटरिंग प्लांट-3 तथा प्रोत्साहन पुरस्कार श्री सत्यनारायण मेहर, जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट, प्लेट मिल ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम के आरंभ में श्री राजीव कुमार ने कहा कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के द्वारा निर्धारित राजभाषा नीतियों का अनुपालन करने और हिंदी भाषी क क्षेत्र में स्थित राज्य छत्तीसगढ़ में निवासरत होने के नाते हम सब का यह दायित्व है कि हम अपने समस्त कार्यालयीन कार्य हिंदी में ही संपन्न करें तथा राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं में अपनी सक्रिय सहभागिता देकर हिंदी के प्रति अपने अनुराग व समर्पण को प्रदर्शित करें, साथ ही अपने सभी सहकर्मी साथियों को भी हिंदी में कार्यालय कार्य करने हेतु प्रेरित करें।
महाप्रबंधक (मानव संसाधन- संकार्य) श्री संजय द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैंने विदेश यात्राओं के दौरान भी देखा है, कि लोग एयरपोर्ट में हिंदी भाषा में बात करने में किसी प्रकार की कोई झिझक का अनुभव नहीं करते। विश्व के अनेक देशों में जाने पर मुझे हिंदी भाषी लोग मिले। हिंदी की वैश्विक स्तर पर व्यापकता का यह एक बड़ा प्रमाण है। भारतीय होने के नाते हम सब का यह दायित्व है, कि हम हिंदी में न केवल अपने समस्त कार्यव्यवहार करें, बल्कि हिंदी का भरपूर प्रचार-प्रसार करें।
सुश्री शिवानी जत्रेले ने कहा कि हिंदी इतनी सरस व सरल भाषा है, कि इससे हम अपनी समस्त भावनाओं को प्रकट कर सकते हैं। हिंदी में किसी भी प्रकार की भाषाई अस्पष्टता नहीं होती, जो कुछ हम कहना चाहते हैं, वही सटीक रूप से हम अभिव्यक्त कर पाते हैं। अतः हिंदी में न केवल हमें वार्तालाप करना चाहिए वरन सभी कार्यालयीन कामकाज भी हिंदी में करना ही चाहिए। हिंदी न केवल ‘क’ क्षेत्र के प्रदेशों और केन्द्र शासित क्षेत्रों की भाषा है, बल्कि समूचे भारत में व्याप्त भाषा है हम अहिंदी भाषी राज्यों में भी जाकर हिंदी में अपने समस्त कार्य कर सकते हैं, हिंदी में काम करने में हमें गर्व की अनुभूति होती है।
प्रतियोगिता के अंत में निर्णायकगण ने निर्णायक अभ्युक्ति के रूप में प्रतिभागियों को अपनी भाषण कला को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। प्रतियोगिता का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन उप प्रबंधक (संपर्क व प्रशासन –राजभाषा) श्री जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने किया।