नवरात्रि व्रत चल रहे हैं और उपवास हमारे शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। व्रत पाचन तंत्र को आराम देते हैं और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। लेकिन कई बार व्रत के दौरान पेट फूलना, गैस, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ये छोटी-छोटी आदतों और खानपान की गलतियों के कारण होती हैं।
आज जानेंगे:
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व्रत में पेट की परेशानियों के कारण
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उन्हें कैसे रोका जा सकता है
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न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पी गोयल के आसान टिप्स
1. पेट में गैस और एसिडिटी क्यों बढ़ती है?
शिल्पी गोयल के अनुसार, शरीर रोज़मर्रा के रूटीन का आदत वाला होता है। अचानक लंबे समय भूखा रहना या शाम में भारी भोजन करना पाचन पर दबाव डालता है। इससे पेट में एसिड बढ़ता है, जो जलन और गैस का कारण बनता है।
2. व्रत में क्यों ज्यादा गैस बनती है?
दिन भर भूखे रहने से पेट में एसिड बनता है। इसके अलावा साबूदाना, आलू, तली-भुनी चीजें खाने से आंतों में फर्मेंटेशन बढ़ता है और गैस बनती है। कम फाइबर वाली डाइट से भी गैस की समस्या बढ़ सकती है।
3. कब्ज होना क्यों आम है?
कब्ज व्रत में बहुत कॉमन है। चावल और रोटी की जगह अक्सर साबूदाना और आलू लिए जाते हैं, जिनमें फाइबर कम होता है। पानी कम पीने से मल सख्त हो जाता है। फल, सब्जियां और दही कब्ज कम करने में मदद करते हैं।
4. दस्त या लूज मोशन की वजह
कुछ लोगों को व्रत में दस्त की समस्या हो सकती है। मीठा या तेलीय खाना, दूध और फल का कॉम्बिनेशन पेट को परेशान कर सकता है। हल्का खाना और पर्याप्त पानी इसे कम करने में मदद करता है।
5. पेट की समस्याओं से बचने के उपाय
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व्रत शुरू करने से पहले डाइट एडजस्ट करें।
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दो मील के बीच लंबा गैप न रखें।
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शाम को बहुत सारा खाना एक साथ न खाएं।
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तली चीजें कम खाएं, उबली सब्जियां और फल ज्यादा लें।
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दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
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गैस हो तो सौंफ या जीरा पानी लें।
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व्रत में हल्की एक्सरसाइज या वॉक मदद करती है।
6. पानी पीना क्यों जरूरी है?
पानी डिहाइड्रेशन से बचाता है, पाचन सही रखता है और कब्ज कम करता है। व्रत में 2-3 लीटर पानी छोटे-छोटे घूंट में पिएं। कैफीन या सोडा से बचें, नारियल पानी, नींबू पानी या हर्बल टी लें।
7. व्रत में क्या खाएं?
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हल्का और पौष्टिक भोजन लें
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फल: सेब, केला, पपीता
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सब्जियां: खीरा, लौकी, कद्दू (उबली)
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प्रोटीन: दही, पनीर
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व्रत के अनाज: कुट्टू, समा के चावल (तेल कम)
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मसाले और चीनी कम करें
8. अगर गैस या कब्ज हो जाए
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अजवाइन, हींग या काला नमक पानी तुरंत राहत देते हैं
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एसिडिटी: ठंडा दूध या नारियल पानी
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दस्त: केला या दही-चावल
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लगातार समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें
9. किन लोगों को ज्यादा सावधानी चाहिए?
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डायबिटिक या गैस्ट्रिक मरीज
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प्रेग्नेंट महिलाएं
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बुजुर्ग और कमजोर लोग
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दवाइयां लेने वाले लोग
10. सही व्रत से पेट और सेहत दोनों बेहतर
सही तरीके से व्रत करने से पाचन सुधरता है, वजन कंट्रोल होता है और ऊर्जा बढ़ती है। गलत खानपान से समस्या बढ़ सकती है, इसलिए सावधानी जरूरी है।
निष्कर्ष:
व्रत आस्था और स्वास्थ्य का संतुलन है। सही खानपान, पानी, हल्का खाना और घरेलू उपाय अपनाकर आप व्रत का पूरा लाभ उठा सकते हैं। इसे केवल कठिनाई या परेशानी बनाने का मौका न दें।