रायपुर – छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाए गए अब गौठान गोधाम बनाए जाएंगे। राज्य सरकार ने इस बदलाव के लिए छत्तीसगढ़ गो सेवा आयोग अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ गो सेवा आयोग नियम, 2005 में संशोधन किया है। खास बात ये है कि गोधाम के संचालन के लिए साल में 25 लाख रुपयों तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने पर कड़े दंड का प्रावधान भी किया गया है।
राज्य सरकार के पशुधन विकास विभाग ने गौठानों को गोधाम बनाने के लिए गो सेवा आयोग के 20 साल पुराने नियम में बदलाव किया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ गो-सेवा आयोग में पंजीकृत गौशाला समिति द्वारा संचालित गोधाम के पंजीयन की प्रक्रिया तय की गई है। जिले में निराश्रित, घुमन्तु गोवंशीय पशुओं के विस्थापन के लिए आवश्यकतानुसार शासकीय भूमि या ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित गौठान का चिन्हांकन कर गोधाम स्थापना का प्रस्ताव कलेक्टर द्वारा रजिस्ट्रार, छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग को भेजा जायेगा। प्रस्ताव में प्रस्तावित स्थल पर निर्मित संरचनाओं की भौतिक, वित्तीय जानकारी संलग्न होगी। रजिस्ट्रार द्वारा प्रस्तावित स्थल पर निर्मित संरचनाओं का भौतिक सत्यापन कराया जायेगा।
गोशाला समिति से ली जाएगी गोधाम के लिए सहमति
नियम के तहत रजिस्ट्रार द्वारा प्रस्तावित स्थल के निकटस्थ या आस-पास संचालित छत्तीसगढ़ गो-सेवा आयोग में पूर्व से पंजीकृत गोशाला की समिति से गोधाम योजना अंतर्गत गोधाम संचालन की सहमति ली जायेगी। रुचि की अभिव्यक्ति के आधार पर गौधाम के पंजीयन की प्रकिया संचालित होगी।
गौठान की जमीन, चरागाह पर नहीं होगा अधिकार
गोधाम संचालित करने वाली चयनित संस्था को, उपलब्ध कराई गई भूमि, निर्मित अधोसंरचना एवं चरागाह पर कोई भी अधिकार नहीं होगा। इसके साथ ही संरक्षित पशुओं के पालन पोषण हेतु प्रथम वर्ष में 10 रुपए प्रतिदिन प्रति इकाई, द्वितीय वर्ष में 20 रुपए प्रतिदिन प्रति इकाई, तृतीय वर्ष में 30 रुपए प्रतिदिन प्रति इकाई एवं चतुर्थ वर्ष से 35 रुपए प्रतिदिन प्रति इकाई की दर से अनुदान स्वीकृत किया जायेगा।
किस काम के लिए कितनी राशि
गोधाम संचालन के लिए अलग-अलग काम के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया है। नस्ल सुधार (सेक्स सोर्टेड सीमेन के उपयोग से) हेतु रुपए 1,50 लाख रुपए। चारा विकास हेतु रुपए 47 हजार रुपए प्रति एकड़ (अधिकतम 5 एकड़ हेतु)। विद्युत चलित चारा कुट्टी मशीन हेतु प्रथम वर्ष में अधिकतम रूपये 50 हजार रुपए। निर्मित अधोसंरचना की मरम्मत या मूल भूत अधोसंरचना हेतु प्रथम वर्ष में अधिकतम रुपए 5.00 लाख। कुल अनुदान की अधिकतम सीमा रुपए 25 लाख प्रतिवर्ष होगी।
गड़बड़ी पर मिलेगा दंड
नियम में ये भी साफ किया गया है कि गोधाम संचालन के लिए चयनित संस्था द्वारा धोखाधड़ी या दुर्विनियोग किये जाने की दशा में संस्था का अनुबंध तत्काल समाप्त करते हुए अमानत राशि को जब्त कर भारतीय न्याय संहिता, 2023 (2023 का 45) के अनुसार दण्ड का प्रावधान होगा एवं गोधाम संचालन के लिए नियमानुसार अन्य संस्था को दिया जायेगा।