महिला वनडे विश्व कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए ग्रुप मैच से पहले मैदान पर ऐसा नज़ारा दिखा जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में टॉस के दौरान भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर और पाकिस्तानी कप्तान फातिमा सना ने एक-दूसरे से हाथ मिलाने से साफ इनकार कर दिया।
यह वाकया उस नीति की अगली कड़ी माना जा रहा है, जब हाल ही में एशिया कप में भारतीय पुरुष टीम ने भी पाकिस्तान खिलाड़ियों से हैंडशेक नहीं किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने महिला टीम को भी यही सलाह दी थी।
आईसीसी का नियम और खेल की भावना
आईसीसी नियमों के अनुसार, हैंडशेक अनिवार्य प्रोटोकॉल नहीं है। यानी खिलाड़ी चाहें तो हाथ न मिलाएं, इस पर कोई पेनाल्टी नहीं लगती। हां, अगर किसी का व्यवहार खेल की भावना के खिलाफ माना जाए तो कार्रवाई हो सकती है।
तनावपूर्ण माहौल में खेला गया मुकाबला
यह मैच भारत-पाकिस्तान के बीच ऐसे वक्त में हुआ जब दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं।
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इन घटनाओं ने दोनों देशों के रिश्तों में और खटास डाल दी है। यही कारण रहा कि मैदान पर भी खिलाड़ियों का रवैया उसी पृष्ठभूमि को दर्शाता दिखा।
न्यूट्रल वेन्यू पर भिड़ंत
भारत और पाकिस्तान की टीमें अब केवल न्यूट्रल वेन्यू पर ही भिड़ती हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद से यह व्यवस्था लागू है और 2027 तक जारी रहेगी। इसी वजह से पाकिस्तान महिला टीम अपने सभी विश्व कप मैच कोलंबो में खेल रही है।
टॉस पर बदला माहौल
टॉस से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों कप्तानों ने शांति और खेल की भावना की बातें की थीं। लेकिन टॉस के समय एंकर ने जब हैंडशेक का इशारा किया, तो दोनों कप्तान सिर्फ हल्की मुस्कान देकर अपनी-अपनी जगह लौट गईं।
सोशल मीडिया पर गर्मा-गर्मी
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं।
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कुछ यूज़र्स ने भारतीय खिलाड़ियों के इस कदम को देशभक्ति का प्रतीक बताया।
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वहीं, कुछ ने इसे स्पोर्ट्समैनशिप के खिलाफ करार दिया।
कुल मिलाकर, मैदान पर चाहे जो भी हुआ हो, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारत-पाकिस्तान मुकाबले सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि राजनीतिक और भावनात्मक पृष्ठभूमि से भी गहराई से जुड़े होते हैं।