पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिला है। ममता ने केंद्र पर आरोप लगाया कि उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है और इंडो-भूटान नदी आयोग नहीं बनाए जाने के कारण उत्तर बंगाल हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है।
लेकिन मंगलवार को केंद्र सरकार ने ममता के इन आरोपों को सीधे खारिज कर दिया। केंद्र का कहना है कि भारत पहले से ही भूटान के साथ सीमापार नदियों से जुड़े मुद्दों पर नज़दीकी से काम कर रहा है।
केंद्र का जवाब
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केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य को बाढ़ प्रबंधन योजनाओं के लिए अब तक ₹1290 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है।
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साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इंडो-भूटान नदी आयोग जैसी व्यवस्था पहले से ही विभिन्न स्तरों पर बातचीत और सहयोग के माध्यम से चल रही है।
यानी साफ है कि केंद्र और TMC सरकार के बीच बाढ़ प्रबंधन को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। एक ओर ममता इसे राजनीतिक भेदभाव बता रही हैं, तो वहीं केंद्र का कहना है कि बंगाल को आर्थिक और तकनीकी, दोनों तरह से पूरा सहयोग दिया जा रहा है।