बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक पूरी कर ली है। इस बैठक में ज्यादातर उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अब दोबारा बैठक की जरूरत नहीं पड़ेगी और भाजपा की पहली उम्मीदवार लिस्ट सोमवार को जारी हो सकती है।
टिकट कटेगा असंतोष झेल रहे विधायकों का
बैठक में यह साफ कर दिया गया है कि जनता के बीच नाराजगी झेल रहे मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी इस बार नए और युवा चेहरों को चुनावी मैदान में उतार सकती है।
NDA में तालमेल, महागठबंधन में खींचतान
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पूरी तरह एकजुट है और सभी सहयोगी दल सीट बंटवारे से संतुष्ट हैं।
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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी खुश हैं क्योंकि उनके बेटे को बिहार सरकार में अहम जिम्मेदारी मिली है और मांझी खुद केंद्र में मंत्री हैं।
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राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के उपेंद्र कुशवाहा, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे, अब राज्यसभा सदस्य हैं और उन्हें गठबंधन का पूरा समर्थन मिल रहा है।
वहीं, दूसरी तरफ महागठबंधन में अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है, जो उनकी एकता को कमजोर कर रही है।
NDA का सीट बंटवारा
एनडीए की ओर से रविवार को सीट शेयरिंग का आधिकारिक ऐलान किया गया। इसके मुताबिक:
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भाजपा और जदयू – 101-101 सीटें
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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – 29 सीटें
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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) – 6 सीटें
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राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) – 6 सीटें
यह सीट बंटवारा दिखाता है कि एनडीए पूरी मजबूती के साथ चुनावी अखाड़े में उतरने को तैयार है।
बैठक में शामिल बड़े चेहरे
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इसमें बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने प्रचार रणनीति और पीएम मोदी की प्रस्तावित रैलियों पर भी चर्चा की।
✅ कुल मिलाकर, बिहार चुनाव 2025 में भाजपा और एनडीए ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। जहां गठबंधन में एकजुटता साफ दिखाई दे रही है, वहीं महागठबंधन की कलह उनके लिए चुनौती बन सकती है। पहली उम्मीदवार सूची आने के बाद तस्वीर और साफ हो जाएगी कि भाजपा किस तरह से युवाओं और नए चेहरों पर दांव लगाने जा रही है।