भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रव्यापी निर्देशों के तहत, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र (जे.एल.एन.एच.आर.सी.) में ‘सीपीआर जागरूकता सप्ताह-2025’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं प्रमुख (चिकित्सालय) डॉ. विनीता द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. उदय कुमार के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
इस आयोजन का उद्देश्य अस्पताल के प्रमुख कर्मियों में बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) तथा कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीकों के प्रति जागरूकता और तत्परता बढ़ाना था, ताकि वे किसी भी हृदय आपात स्थिति में तुरंत एवं प्रभावी सहायता प्रदान कर सकें।
प्रशिक्षण सत्र का संचालन डॉ. जयीता सरकार (उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एनेस्थीसिया विभाग), डॉ. अमित अग्रवाल (उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एनेस्थीसिया) तथा डॉ. निलेश चंद्र (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, एनेस्थीसिया) द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस), कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की व्यावहारिक तकनीकें, आपातकालीन स्थिति में उपस्थित लोगों (बाईस्टैंडर्स) की भूमिका तथा सीपीआर के दौरान पालन किए जाने वाले “क्या करें” और “क्या न करें” विषयों पर व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यक्रम का समन्वय उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (ईएनटी विभाग) डॉ. अश्विन द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण में अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ, एम्बुलेंस ड्राइवरों तथा नर्सिंग सहायकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सत्र के दौरान यह विशेष रूप से रेखांकित किया गया कि आपात स्थिति में त्वरित और सही हस्तक्षेप जीवन बचाने में कितना महत्वपूर्ण होता है, और प्रत्येक व्यक्ति इस श्रृंखला में अपनी भूमिका कितनी प्रभावी ढंग से निभा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने ऑनलाइन कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) प्रतिज्ञा ली, जिसमें उन्होंने संकट के समय तत्पर बने रहने का संकल्प लिया। सीख को और सुदृढ़ करने हेतु एक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी (क्विज़) का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों की समझ और जागरूकता का मूल्यांकन किया गया।