वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने की मांग अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज़ पर पहुँच गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया है।
इससे पहले भी 28 अक्टूबर को इस मामले को सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई थी। अब इसे दोबारा सुनवाई के लिए तय कर दिया गया है। ओवैसी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निजाम पाशा ने कोर्ट में पेश होकर चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह वर्तमान सीजेआई जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच से तत्काल सुनवाई की मांग रखी।
पाशा ने दलील दी कि वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की समयसीमा खत्म हो रही है, इसलिए इस मामले पर तुरंत निर्णय ज़रूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को स्वीकारते हुए निकट तारीख पर सुनवाई तय कर दी है।