राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर देश एक ऐतिहासिक उत्सव का साक्षी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में इस वर्षभर चलने वाले स्मरणोत्सव का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इसी मौके पर प्रधानमंत्री ‘वंदे मातरम्’ की विरासत को सम्मान देते हुए एक विशेष स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे।
यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना, स्वतंत्रता संग्राम की गरिमा और राष्ट्रभावना को सम्मान देने का प्रतीक है। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1870 के दशक में रचित “वंदे मातरम्” ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान innumerable स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया था और आज भी यह गीत भारतीय अस्मिता का स्वर है।
स्मरणोत्सव पूरे एक साल तक देशभर में अलग-अलग कार्यक्रमों—जैसे संगीत प्रस्तुतियों, नाट्य मंचन, युवाओं की प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक यात्राओं—के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य ‘वंदे मातरम्’ की ऐतिहासिक यात्रा, उसके महत्व और आज के भारत में उसकी प्रासंगिकता को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।
यानी आने वाले 12 महीने सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्रगान से पहले गाए जाने वाले इस राष्ट्रीय गीत की भावनात्मक आत्मा को महसूस करने और याद करने का समय होंगे।