आज के समय में दिल की बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही। अब टीनएजर्स तक में हार्ट से जुड़ी समस्याएं दिखाई देने लगी हैं। कारण साफ हैं—फास्ट फूड, स्ट्रेस, देर रात तक स्क्रीन टाइम, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी। यही वजह है कि डॉक्टर अब सलाह देते हैं कि दिल की देखभाल की शुरुआत 30 की उम्र से नहीं, बल्कि टीनएज से ही होनी चाहिए।
अगर बचपन या किशोरावस्था से ही कुछ अच्छी आदतें अपना ली जाएं, तो दिल मजबूत रहता है और भविष्य में हार्ट अटैक या कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। शुरुआत करें अपने खाने से। रोजमर्रा की डाइट से जंक फूड, तली चीजें और सॉफ्ट ड्रिंक्स को धीरे-धीरे हटाएं और उनकी जगह फल, सब्जियां, दालें, साबुत अनाज, नट्स और हेल्दी फैट्स को शामिल करें। ये ना सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखते हैं, बल्कि दिल की धमनियों को भी मजबूत करते हैं।
दिल को सुरक्षित रखने के लिए शरीर को हर दिन मूवमेंट की भी जरूरत होती है। टीनएजर्स को कम से कम 30 मिनट रोजाना किसी न किसी शारीरिक गतिविधि—जैसे दौड़ना, साइक्लिंग, डांस या कोई खेल—का हिस्सा बनना चाहिए। लगातार बैठे रहने, खासकर मोबाइल या लैपटॉप के सामने घंटों बिताने की आदत ब्लड सर्कुलेशन को धीमा करती है और हार्ट पर बोझ बढ़ाती है।
दिल की सेहत के लिए नींद भी उतनी ही जरूरी है। 7 से 8 घंटे की गहरी नींद हार्टबीट को सामान्य रखती है और ब्लड प्रेशर को संतुलित करती है। देर रात तक जागना, सोशल मीडिया स्क्रॉल करना या गेम खेलना धीरे-धीरे शरीर के अंदर तनाव पैदा करता है, जो दिल को नुकसान पहुंचा सकता है।
स्ट्रेस आज के बच्चों का नया दुश्मन बन चुका है—चाहे वो पढ़ाई का दबाव हो या दोस्ती और सोशल मीडिया से जुड़ा तनाव। ऐसे में मेडिटेशन, गहरी सांस लेना, योग, संगीत सुनना या परिवार के साथ समय बिताना तनाव दूर करने का सबसे आसान तरीका हो सकता है।
और सबसे जरूरी बात—कम उम्र में स्मोकिंग या शराब की शुरुआत दिल के लिए सीधा खतरा बनती है। ये धमनियों को नुकसान पहुंचाती हैं और आगे चलकर दिल की गंभीर बीमारियों का कारण बनती हैं। इसलिए इनसे दूर रहना ही दिल की सबसे बड़ी सुरक्षा है।
अगर टीनएज से ही शरीर और दिल का ख्याल रखना शुरू कर दिया जाए, तो जिंदगी की रफ्तार चाहे जितनी तेज हो, दिल मजबूत और स्वस्थ रहेगा। यह वो इन्वेस्टमेंट है जो उम्र भर फायदा दे सकता है।