इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच देश की टॉप-10 कंपनियों में से 7 की कुल मार्केट वैल्यू लगभग ₹88,635 करोड़ कम हो गई। सबसे बड़ा झटका लगा भारती एयरटेल को। कंपनी का मार्केट कैप ₹30,506 करोड़ घटकर अब ₹11.41 लाख करोड़ रह गया है।
वहीं दूसरी तरफ, LIC (लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने बेहतर प्रदर्शन किया और उसकी मार्केट वैल्यू ₹18,469 करोड़ बढ़कर ₹5.84 लाख करोड़ पर पहुंच गई।
किस कंपनी को कितना नुकसान हुआ?
| कंपनी | नुकसान (₹ करोड़) | नया मार्केट कैप |
|---|---|---|
| भारती एयरटेल | ₹30,506 ↓ | ₹11.41 लाख करोड़ |
| TCS | ₹23,680 ↓ | ₹10.83 लाख करोड़ |
| अन्य 5 कंपनियां | कुल मिलाकर ₹34,449 ↓ | – |
3 कंपनियों ने लगाई छलांग
इन 7 कंपनियों में गिरावट रही, लेकिन 3 कंपनियों ने राहत दी और उनकी कुल वैल्यू ₹50,926 करोड़ बढ़ी, जिसमें LIC सबसे आगे रही।
शेयर बाजार का हाल
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सेंसेक्स: 95 अंक गिरकर 83,216 पर बंद
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निफ्टी: 17 पॉइंट गिरकर 25,492 पर
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हफ्ते के आखिरी दिन कुछ समय के लिए बाजार 600 अंक तक फिसला था।
गिरावट वाली प्रमुख कंपनियां:
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एयरटेल (-4.4%)
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टेक महिंद्रा
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रिलायंस
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ट्रेंट
तेजी वाली कंपनियां:
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बजाज फाइनेंस
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बजाज फिनसर्व
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टाटा स्टील (2% से अधिक बढ़त)
टॉप-10 कंपनियां मार्केट कैप के आधार पर (7 नवंबर 2025 तक)
| रैंक | कंपनी | मार्केट कैप (₹ लाख करोड़) |
|---|---|---|
| 1 | रिलायंस इंडस्ट्रीज | 20.00 |
| 2 | HDFC बैंक | 15.11 |
| 3 | एयरटेल | 11.41 |
| 4 | TCS | 10.83 |
| 5 | ICICI बैंक | 9.60 |
| 6 | SBI | 8.82 |
| 7 | बजाज फाइनेंस | 6.64 |
| 8 | इंफोसिस | 6.14 |
| 9 | LIC | 5.84 |
| 10 | हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) | 5.67 |
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
किसी कंपनी की कुल बाजार वैल्यू =
कंपनी के कुल जारी शेयर × एक शेयर की मौजूदा कीमत
उदाहरण के लिए,
अगर किसी कंपनी के 1 करोड़ शेयर बाजार में हैं और प्रत्येक शेयर की कीमत ₹20 है, तो कंपनी का मार्केट कैप होगा:
1 करोड़ × ₹20 = ₹20 करोड़
मार्केट कैप बढ़ने या घटने के मतलब:
| बढ़ने का संकेत | घटने का संकेत |
|---|---|
| शेयर की कीमत बढ़ना | शेयर की कीमत गिरना |
| अच्छे वित्तीय नतीजे | खराब नतीजे |
| पॉजिटिव न्यूज | नेगेटिव न्यूज/घटना |
| मार्केट में अच्छा माहौल | आर्थिक मंदी या अनिश्चितता |
कंपनी और निवेशक दोनों पर असर!
✅ कंपनी के लिए फायदा:
ज़्यादा मार्केट कैप का मतलब है कि कंपनी के लिए फंड जुटाना, लोन लेना या दूसरी कंपनी खरीदना आसान हो जाता है।
⚠️ निवेशकों के लिए असर:
मार्केट कैप बढ़ेगा तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, गिरने पर नुकसान हो सकता है।