दुर्ग जिले में चाकूबाजी, नशे और हथियारबाजी की बढ़ती घटनाओं से चिंतित वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रिकेश सेन ने अपराध रोकने के लिए एक बेहद अनोखी और साहसिक पहल शुरू करने का फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि उनके विधायक कार्यालय में एक “गुप्त पत्र पेटी” लगाई जाएगी, जहां आम नागरिक बिना किसी डर, झिझक या भय के अपराधियों से जुड़ी जानकारी दे सकेंगे। यह मॉडल इस सोच पर आधारित है कि कई बार लोग अपराध देखते हैं, जानते हैं, लेकिन शिकायत नहीं करते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि आरोपी उन्हें पहचानकर नुकसान पहुंचा सकता है। इस नई व्यवस्था में यह भय पूरी तरह खत्म करने की कोशिश की गई है।
विधायक का कहना है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। चाहे वह सूखा नशा करने वालों के बारे में हो, अवैध हथियार रखने वालों को लेकर हो या फिर नशा बेचने-सप्लाई करने वाले गिरोहों से जुड़ी हो—सूचना देने वाले का नाम कहीं भी उजागर नहीं किया जाएगा। व्यक्ति चाहे तो पत्र लिखकर जानकारी दे सकता है या खुद कार्यालय पहुंचकर भी बता सकता है। और इतना ही नहीं, सही और ठोस सूचना देने वालों के लिए कैश इनाम की व्यवस्था भी की गई है, ताकि लोगों को अपराध रोकने में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिल सके।
इनामों की सूची भी बेहद स्पष्ट रखी गई है—जो कोई भी व्यक्ति चाकू या अवैध हथियार लेकर घूमने वालों की जानकारी देगा, उसे ₹1000 का इनाम मिलेगा। अगर सूचना चिट्टा, ब्राउन शुगर, हेरोइन जैसे सूखे नशे का सेवन करने वालों को लेकर है तो ₹2000 का पुरस्कार निर्धारित है। वहीं नशा बेचने या सप्लाई करने वालों का खुलासा करने पर ₹5000 दिए जाएंगे। और यदि किसी के पास ऐसी सूचना हो कि कोई व्यक्ति सूखा नशा भी करता है और हथियार भी रखता है, तो उसे ₹10,000 तक का इनाम मिलेगा। शिकायतकर्ता चाहे तो आरोपी के फोटो, वीडियो या अन्य साक्ष्य भी पत्र के साथ दे सकता है, जिससे पुलिस की कार्रवाई को और अधिक मजबूती मिल सके।
विधायक रिकेश सेन ने बताया कि इस पहल को लागू करने से पहले उन्होंने पुलिस अधीक्षक से विस्तृत चर्चा की है और अनुरोध किया है कि हथियारबाजी, चाकूबाजी और नशे से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। हाल के वर्षों में दुर्ग शहर में अपराधियों की ओर से सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ रील बनाना और फोटो पोस्ट करना भी बढ़ा है, जिससे आम लोगों में भय का माहौल पैदा होता है। इन घटनाओं को रोकना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।
रिकेश सेन ने समाज के अच्छे और जिम्मेदार लोगों से आगे आने की अपील भी की है। उनका कहना है कि “अक्सर लोग सोचते हैं कि अपराध किसी और का मुद्दा है, लेकिन सच यह है कि यह हम सबका मुद्दा है। अगर समाज के अच्छे लोग आगे नहीं आए, तो गलत लोगों को खुली छूट मिल जाती है। जो भी सही जानकारी देगा, उसकी पहचान कभी उजागर नहीं की जाएगी—बल्कि सम्मानित किया जाएगा।”
इस तरह ‘गुप्त पत्र पेटी’ सिर्फ एक पहल नहीं, बल्कि भिलाई में अपराध के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की शुरुआत है। अगर यह मॉडल सफल होता है, तो आने वाले समय में यह जिले के अन्य इलाकों में भी एक प्रभावी व्यवस्था बन सकता है।