दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और हर घंटे नई जानकारी सामने आ रही है। बुधवार को जिस लाल रंग की फॉर्ड इकोस्पोर्ट कार को लेकर दिल्ली पुलिस ने आपात अलर्ट जारी किया था, उस कार को पार्क करने वाले व्यक्ति को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम फहीम बताया जा रहा है और शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि उसका रिश्ता धमाके में मारे गए उमर उन नबी से जुड़ा हो सकता है। यह वही उमर है जिसकी कार में ब्लास्ट हुआ था और जिसने पूरी जांच को आतंकी गतिविधियों की दिशा में मोड़ दिया।
मामले की शुरुआत तब हुई जब 12 नवंबर की दोपहर दिल्ली पुलिस ने अलर्ट जारी किया कि एक लाल फॉर्ड इकोस्पोर्ट (नंबर DL10 CK0458) उमर की कार के साथ फरीदाबाद से निकली थी। उमर की कार तो विस्फोट में नष्ट हो गई, लेकिन यह दूसरी कार गायब थी। सुरक्षा एजेंसियों को शक था कि इस कार का लिंक ब्लास्ट के नेटवर्क से हो सकता है। कुछ ही घंटे बाद फरीदाबाद पुलिस ने खंडावली गांव से उस कार को बरामद कर लिया और अब उसी कार को वहां खड़ा करने वाले फहीम को हिरासत में ले लिया गया है। एजेंसियों का मानना है कि फहीम की भूमिका केवल पार्किंग तक सीमित नहीं हो सकती, उसकी पृष्ठभूमि की जांच तेजी से की जा रही है।
इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार शाम 5 बजे से रात 10:30 बजे तक दिल्ली-एनसीआर में हाई अलर्ट घोषित किया था। खास तौर पर जम्मू-कश्मीर नंबर वाले वाहनों पर निगरानी रखने के निर्देश जारी किए गए। पुलिस को निर्देश था कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, गतिविधि या वाहन की जानकारी तुरंत आगे बढ़ाई जाए। यह अलर्ट ऐसे समय में आया जब जांच में तमाम नए सुराग मिल रहे थे।
इसी क्रम में गुरुवार सुबह एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई—न्यू लाजपत राय मार्केट से एक इंसान का कटा हुआ हाथ मिला। फॉरेंसिक टीम ने इस हाथ को अपने कब्जे में ले लिया है और माना जा रहा है कि यह उन लोगों में से किसी का हो सकता है, जिनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई। यह संकेत इस बात को और मजबूत करता है कि ब्लास्ट की प्रकृति और इसमें शामिल लोगों की संख्या पहले से अनुमानित दायरे से कहीं ज्यादा हो सकती है।
जांच एजेंसियों को उमर और उसके साथी डॉक्टर मुजम्मिल के कमरों से कुछ डायरियां भी मिली हैं। यह डायरियां कमरा नंबर 4 और कमरा नंबर 13 से बरामद हुई हैं, जिनमें 8 नवंबर से 12 नवंबर तक की तारीखें दर्ज हैं। डायरियों में अलग-अलग जगहों से 25 नाम मिले हैं, जिनमें अधिकांश फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर के हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह सारी जानकारी कोड वर्ड्स में लिखी गई है, जिसे डिक्रिप्ट करने में एजेंसियां जुटी हैं। जांचकर्ताओं को शक है कि यह आतंकी मॉड्यूल 12 नवंबर के ब्लास्ट से पहले या बाद में और धमाकों की योजना बना चुका था।
इस समय कई संदिग्ध कारों, नेटवर्क के संभावित सदस्यों और फरीदाबाद-जम्मू के लिंक की तलाश तेज कर दी गई है। फहीम की गिरफ्तारी से इस पूरे केस का नया सिरा खुल सकता है और उमर के नेटवर्क की परतें खुलने की संभावना बढ़ गई है।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच अब तेज रफ्तार पकड़ चुकी है, और हर नए सबूत से यह साफ होता जा रहा है कि यह मामला सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध आतंकी गतिविधि का हिस्सा था।