Health Test For Male: 30 की उम्र के बाद पुरुष जरूर कराएं ये 5 जरूरी टेस्ट, सेहत रहेगी सुरक्षित और फिट

Spread the love

पुरुष अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं—30 के बाद ये 5 हेल्थ टेस्ट हर साल करवाना बेहद जरूरी है, वरना बढ़ सकता है जोखिम।

आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में पुरुष खुद पर ध्यान देने में पिछड़ जाते हैं। रोज़मर्रा की भागदौड़, गलत खानपान, कम नींद और लगातार बढ़ते स्ट्रेस का असर शरीर पर धीरे-धीरे जमा होता जाता है। कई बार तब पता चलता है जब बीमारी काफी आगे बढ़ चुकी होती है। ऐसे में कुछ नियमित हेल्थ टेस्ट ऐसे हैं जो आपके हार्ट, हार्मोन, लिवर, किडनी और ब्लड शुगर की पूरी तस्वीर सामने रख देते हैं। विशेष रूप से 30 साल के बाद पुरुषों के लिए इन टेस्ट्स को साल में एक बार कराना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इससे समय रहते समस्याओं का पता चल जाता है और लाइफस्टाइल में सुधार किया जा सकता है।

दिल की सेहत जांचने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट सबसे अहम माना जाता है। पुरुषों में हार्ट डिज़ीज़ का खतरा महिलाओं की तुलना में अधिक होता है, और यह टेस्ट कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की पूरी रिपोर्ट देता है। बढ़ा हुआ एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल कई बार हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन जाता है। इसलिए यह टेस्ट सालाना करवाना बेहद फायदेमंद साबित होता है।

ब्लड शुगर टेस्ट भी 30 की उम्र के बाद जरूरी जांचों में शामिल है। फास्टिंग और पोस्ट मील शुगर रिपोर्ट यह बताती है कि शरीर ग्लूकोज को कितना संतुलित रख पा रहा है। तनाव, बढ़ता वजन और असमंजस भरी दिनचर्या पुरुषों में डायबिटीज के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं। यह बीमारी हार्ट, किडनी और आंखों को भी प्रभावित कर सकती है, इसलिए साल में दो बार ब्लड शुगर टेस्ट करवाना समझदारी है।

अनियमित खानपान, तेल-मसालों से भरा भोजन और लगातार जंक फूड का सेवन लिवर पर सीधा असर डालता है। लिवर फंक्शन टेस्ट यानी LFT यह बताता है कि आपका लिवर कितना स्वस्थ है और कितनी कुशलता से कार्य कर रहा है। SGOT, SGPT और बिलीरुबिन की रिपोर्ट से लिवर की बीमारी की शुरुआती चेतावनी मिल सकती है। खासकर फैटी लिवर पुरुषों में तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में यह टेस्ट खतरे को समय पर पकड़ने में मदद करता है।

इसके साथ ही किडनी फंक्शन टेस्ट यानी KFT शरीर की फिल्टरिंग सिस्टम की स्थिति बताता है। क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड और BUN की जांच यह समझने में मदद करती है कि किडनी पर कितना दबाव बढ़ गया है। अधिक नमक, हाई-प्रोटीन डाइट, ब्लड प्रेशर या कम पानी पीने की आदतें किडनी पर भारी पड़ सकती हैं। KFT करवाने से समस्या की पहचान शुरुआती स्तर पर ही हो जाती है।

उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों में प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। PSA टेस्ट यानी प्रोस्टेट-स्पेसिफ़िक एंटीजेन की जांच प्रोस्टेट की सूजन, संक्रमण या कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों का शुरुआती संकेत दे देती है। इसलिए 40 साल के बाद हर पुरुष को यह टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए।

इन सभी जांचों का उद्देश्य बीमारियों को डराना नहीं, बल्कि समय रहते अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है। सही समय पर टेस्ट करवाने से उपचार आसान हो जाता है और जीवनशैली को भी बेहतर तरीके से बदला जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *