सुल्तान अजलन शाह कप में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार आगाज़ किया है। युवा खिलाड़ियों से सजी भारत की टीम ने रविवार को तीन बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया को 1-0 से शिकस्त देकर अपने अभियान की विजयी शुरुआत की। छह वर्ष बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में उतर रही भारतीय टीम ने पूरे मैच में संयम, ऊर्जा और आक्रामक खेल का बेहतरीन संतुलन दिखाया।
मैच के 15वें मिनट में दिलप्रीत सिंह ने आक्रमण की नींव रखी, जिसे मोहम्मद राहील ने बिना गलती किए गोल में बदल दिया। यही गोल मैच का इकलौता स्कोर साबित हुआ और भारत को जीत दिलाने वाला क्षण बना। राहील की चपलता और दिलप्रीत की शानदार सेटअप ने पहले ही क्वार्टर में भारत को बढ़त दिला दी, जिसे टीम ने अंत तक बरकरार रखा।
भारत की जीत में सबसे अहम भूमिका रही मिडफील्ड की मजबूत पकड़, जहां अभिषेक और कप्तान संजय ने कोरिया की लय को लगातार तोड़कर दबाव बनाए रखा। दोनों खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं, और उसी अनुभव का असर इस मैच में साफ दिखाई दिया। चौथे ही मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन संजय उस मौके को गोल में नहीं बदल सके। इसके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने दोनों विंग से लगातार हमले कर कोरियाई रक्षा पर दबाव बनाए रखा।
2019 में आखिरी बार इस टूर्नामेंट में खेलने वाली भारतीय टीम उस समय फाइनल में कोरिया से हारकर उपविजेता रही थी। इस बार मुकाबला और भी दिलचस्प था, क्योंकि शुरुआत से अंत तक दोनों टीमों ने तेज गति से खेल दिखाया। दूसरे क्वार्टर में कोरिया ने वापसी की कोशिश की और 27वें मिनट में एक बड़ा मौका भी बनाया, जब उनका फॉरवर्ड भारतीय गोलपोस्ट के बेहद करीब पहुंच गया। वह डाइव लगाकर शॉट लगाने में सफल तो रहा, लेकिन गेंद गोल में नहीं जा सकी।
इसके बाद भारत ने रफ्तार और नियंत्रण दोनों में बढ़त बना ली। अंतिम दो क्वार्टर में भारतीय टीम ने बेहतर तालमेल, तेज पासिंग और अनुशासित डिफेंस दिखाते हुए कोरिया को ज्यादा मौके नहीं दिए। इस दौरान भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन अभिषेक का प्रयास गोल से थोड़ा दूर निकल गया।
बारिश के चलते इस मुकाबले को भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे शुरू होना था, लेकिन छह घंटे की देरी के बाद मैच खेला जा सका। अब अगले मुकाबले में भारत सोमवार को बेल्जियम से भिड़ेगा। राउंड-रॉबिन प्रारूप के तहत टूर्नामेंट में हर टीम अन्य पांच टीमों से एक-एक बार खेलेगी। जीत पर तीन अंक और ड्रॉ पर एक अंक मिलेगा।
छह साल बाद लौटकर पहली ही भिड़ंत में जीत हासिल करना भारतीय टीम के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगा। अब निगाहें अगले मुकाबलों पर हैं, जहां यह युवा भारतीय टीम अपनी लय और भी दमदार तरीके से दिखा सकती है।