नवंबर का आखिरी सप्ताह शुरू होते ही सरकारी और वित्तीय प्रक्रियाओं की कई महत्वपूर्ण डेडलाइनों की उलटी गिनती शुरू हो जाती है। 30 नवंबर वह तारीख है जिसके भीतर कई जरूरी काम पूरे करना अनिवार्य है। जिन लोगों को नियमित पेंशन मिलती है, उनके लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना सबसे महत्वपूर्ण कामों में से एक है, जबकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम चुनने का अंतिम अवसर इसी दिन तक मिलता है। इसके अलावा टैक्स से जुड़े कई फॉर्म और स्टेटमेंट भी इसी तारीख तक फाइल करने होते हैं। यदि इन प्रक्रियाओं को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो पेंशन रुकने से लेकर टैक्स नोटिस आने तक कई तरह की परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि 30 नवंबर से पहले इन कामों को प्राथमिकता के साथ निपटा लिया जाए।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए UPS यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम चुनने की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2025 तय की गई है, जो पहले 30 सितंबर थी। UPS नई पेंशन प्रणाली से अलग है। नई पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10 प्रतिशत अंशदान करते हैं और सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान देती है। इसके उलट पुरानी पेंशन प्रणाली में कर्मचारी को बिना किसी अंशदान के अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। ऐसे में जिन्हें UPS का विकल्प अपनाना है, उनके लिए समय रहते अपना निर्णय दर्ज कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस तिथि के बाद यह अवसर उपलब्ध नहीं रहेगा।
पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना हर साल जरूरी प्रक्रिया है, जिसकी डेडलाइन भी 30 नवंबर ही है। यह प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि पेंशन सही व्यक्ति को मिल रही है और भुगतान में कोई बाधा न आए। 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशनर्स को यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर से ही पूरी करने का विकल्प मिल जाता है, ताकि वे समय पर अपना सर्टिफिकेट जमा कर सकें। डिजिटल सेवाओं के विस्तार के बाद यह प्रक्रिया अब बेहद आसान हो गई है। पेंशनर्स चाहें तो बैंक, सरकारी कार्यालय, मोबाइल ऐप, कॉमन सर्विस सेंटर या इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की डोरस्टेप सर्विस के माध्यम से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट कर सकते हैं।
टैक्स से जुड़े मामलों में भी 30 नवंबर एक अहम तारीख के रूप में सामने आती है। अक्टूबर 2025 के लिए सेक्शन 194-IA, 194-IB, 194M और 194S के तहत काटे गए TDS का चालान-कम-स्टेटमेंट इसी दिन तक जमा करना अनिवार्य है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय या घरेलू लेनदेन से जुड़े टैक्सपेयर्स को भी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न 30 नवंबर तक फाइल करनी होती है। विदेश आधारित कंपनियों की भारतीय शाखाओं के लिए भी Form 3CEAA दाखिल करना इसी तारीख तक जरूरी है। ये प्रक्रियाएं नियत समय पर पूरी न होने पर टैक्स नोटिस, पेनल्टी या भविष्य में लेनदेन संबंधी बाधाएं पैदा हो सकती हैं।
इन सभी सरकारी और वित्तीय कामों को देखते हुए यह साफ है कि 30 नवंबर की तारीख कई नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पेंशन, टैक्स और पेंशन स्कीम से जुड़े ये काम समय पर पूरे कर लिए जाएं, तो आने वाले महीनों में किसी भी तरह की रुकावट, आर्थिक परेशानी या कानूनी समस्या से बचा जा सकता है।