दिल्ली के इंडिया गेट पर रविवार देर शाम वायु प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन उस समय विवादों में बदल गया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की तस्वीर वाले पोस्टर लहराने शुरू कर दिए। पोस्टरों में हिड़मा को आदिवासी प्रतीक बिरसा मुंडा की तरह पेश किया गया और उसे ‘जल, जंगल और जमीन का रखवाला’ बताने वाले नारे लिखे थे। भीड़ के बीच “माड़वी हिड़मा अमर रहे” और “हिड़मा को लाल सलाम” जैसे नारे गूंजते रहे। एक पोस्टर में तो लिखा था—“बिरसा मुंडा से लेकर माड़वी हिड़मा तक, हमारे जंगलों और पर्यावरण का संघर्ष जारी है।”
स्थिति तब और बिगड़ी जब प्रदर्शन के दौरान पुलिस और भीड़ के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर काली मिर्च वाला स्प्रे तक चला दिया, जिसके कारण तीन से चार अधिकारी घायल हो गए और उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने दो अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज की। सोमवार शाम तक कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था और पुलिस ने मौके से मिर्च स्प्रे बरामद किए जाने का दावा भी किया है। नई दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर देवेश कुमार महला ने कहा कि पहली बार प्रदर्शनकारियों ने कानून व्यवस्था संभाल रहे अधिकारियों पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया है।
यह प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा था जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है। भीड़ सी-हेक्सागॉन के पास जमा थी, जहां से एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ को गुजरने में परेशानी हो रही थी। पुलिस जब उन्हें हटाने पहुंची तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और झड़प छिड़ गई। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को खींचकर सड़क से हटाया और हिरासत में लिया।
इस पूरे विवाद के बीच यह तथ्य भी चर्चा में रहा कि माड़वी हिड़मा 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के एलूरी सीताराम राजू इलाके में एनकाउंटर में मारा जा चुका है। एक करोड़ के इनामी हिड़मा पिछले 25 वर्षों से छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में सक्रिय था और वही 26 बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। 2010 के दंतेवाड़ा हमले में 76 CRPF जवानों की शहादत, 2013 की झीरम घाटी घटना और 2021 में सुकमा-बीजापुर मुठभेड़—इन सबका संचालन हिड़मा के नेतृत्व में हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को 30 नवंबर तक हिड़मा को ढूंढकर खत्म करने की समयसीमा दी थी और वह इस डेडलाइन से 12 दिन पहले ही मार गिराया गया।
वहीं दिल्ली को-ऑर्डिनेशन कमेटी, जो साफ हवा के लिए अभियान चलाती है, ने बयान जारी कर कहा कि राजधानी की बिगड़ती वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। कमेटी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदूषण को जड़ से खत्म करने के लिए दीर्घकालिक समाधान ढूंढने की बजाय अस्थायी उपाय जैसे पानी का छिड़काव, क्लाउड सीडिंग या AQI स्टेशनों के पास छिड़काव कर रही है।
20 नवंबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 506 तक पहुंच गया, जो दुनिया में सबसे प्रदूषित शहर की श्रेणी में आता है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘आईक्यू एयर’ की लाइव लिस्टिंग में दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर दर्ज की गई। कोलकाता और मुंबई भी दुनिया के टॉप-10 प्रदूषित शहरों में शामिल रहे। लगातार बढ़ते AQI का असर अब अस्पतालों में भी दिखने लगा है, जहां सांस संबंधी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि लंबे समय तक AQI 500 के पार रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के संक्रमण और दिल की बीमारियों का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
दिल्ली में प्रदर्शन की तस्वीरें…



