अगर आप घर में ताजी, सुगंध से भरी और स्वाद में तीखी हरी मिर्च उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए किसी बड़े गार्डन की जरूरत नहीं है। एक छोटा-सा गमला, उपजाऊ मिट्टी और थोड़ी-सी नियमित देखभाल—बस इतना काफी है। हरी मिर्च का पौधा न केवल घर की जरूरत के हिसाब से ताजा उत्पादन देता है, बल्कि पूरे साल फल देने की क्षमता भी रखता है। सही तकनीक अपनाई जाए तो एक पौधा लगातार कई महीनों तक भरपूर मिर्च देता रहता है, जिससे बाजार से खरीदने की जरूरत भी कम हो जाती है।
हरी मिर्च उगाने के लिए मिट्टी का चयन सबसे जरूरी कदम है। इस पौधे के लिए ऐसी मिट्टी आदर्श रहती है जो हल्की, भुरभुरी और पानी को आसानी से निकाल देने वाली हो। यदि गमले में मिट्टी तैयार कर रहे हों, तो उसमें गार्डन सॉइल, गोबर की खाद और थोड़ी-सी रेत मिलाकर एक संतुलित मिश्रण तैयार करें। यह मिट्टी न केवल जड़ों को मजबूती देती है बल्कि पौधे की वृद्धि में भी मदद करती है। मिट्टी में हल्की नमी होनी चाहिए, लेकिन उसमें पानी ठहरना नहीं चाहिए, वरना जड़ें सड़ सकती हैं।
हरी मिर्च का पौधा लगाने के लिए आप चाहें तो नर्सरी से छोटा पौधा खरीद सकते हैं या फिर घर में मौजूद कच्ची मिर्च से बीज निकालकर भी नए पौधे तैयार कर सकते हैं। गमले में दो-तीन बीज डालकर हल्की मिट्टी से ढक दें और धीरे से पानी दें। लगभग एक सप्ताह में नन्हे पौधे निकलने लगते हैं। जैसे ही यह पौधे कुछ इंच ऊंचाई पकड़ लें, तब सबसे मजबूत पौधे को रहने दें और बाकी पौधों को हटा दें, ताकि एक ही पौधा सही ढंग से बढ़ सके।
पानी देना इस पौधे की देखभाल का अहम हिस्सा है, लेकिन ज्यादा पानी देना इसकी सेहत के लिए ठीक नहीं होता। मिट्टी जब ऊपर से सूखी नजर आए, तभी पानी दें। गर्मियों में थोड़े अंतराल पर और सर्दियों में कुछ दिनों के अंतर से पानी देना पर्याप्त है। हमेशा किनारों से पानी डालें ताकि जड़ों पर सीधा दबाव न पड़े और पौधा सड़ न जाए। जितना संतुलित पानी दिया जाएगा, फलन उतना ही बेहतर रहेगा।
हरी मिर्च के पौधे को खाद की भी जरूरत होती है। हर दो से तीन सप्ताह में थोड़ा-सा गोबर खाद या घर की बनी कंपोस्ट मिट्टी में मिलाने से पौधा तेजी से बढ़ता है। फूल आते समय यदि नीम खली या सरसों खली का घोल दिया जाए, तो फूल झड़ते नहीं और फल का आकार भी बढ़िया आता है। जैविक खाद पौधे को प्राकृतिक पोषण देने के साथ-साथ मिर्च के स्वाद को भी और बेहतर बना देती है।
धूप इस पौधे की जान है। हरी मिर्च को दिन में कम से कम पाँच से छह घंटे धूप मिलनी जरूरी है, क्योंकि बिना रोशनी के पौधा लंबा तो हो सकता है, लेकिन फलन कम हो जाती है। गर्मियों में इसे तेज दोपहर की धूप से बचाएं और सर्दियों में यथासंभव खुली धूप मिलने दें। संतुलित तापमान और पर्याप्त रोशनी मिलते ही यह पौधा तेजी से बढ़ने लगता है और हरी मिर्च की बंपर पैदावार देने लगता है।
घर में हरी मिर्च उगाना न केवल आसान है, बल्कि यह आपको ताजी, हानिकारक केमिकल्स से मुक्त और सुगंधित मिर्च भी देता है। थोड़ी-सी देखभाल और सही तरीके अपनाकर आप अपने किचन गार्डन में छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन एक शानदार हरी मिर्च की खेती कर सकते हैं।