दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 की करारी हार ने भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर तूफ़ान खड़ा कर दिया है और सबसे ज्यादा सवाल हेड कोच गौतम गंभीर पर उठ रहे हैं। गुवाहाटी टेस्ट में 408 रन की भारी हार के बाद जब गंभीर से पूछा गया कि क्या वह खुद को भारतीय टेस्ट टीम के लिए सही शख्स मानते हैं, तो उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के कह दिया कि उनके भविष्य का फैसला अब बीसीसीआई करेगी। गंभीर ने साफ कहा कि वही इंसान आज भी टीम के साथ खड़ा है जिसने इंग्लैंड में ऐतिहासिक जीत दिलाई और भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताई थी, लेकिन हार की जिम्मेदारी लेने से भी वह पीछे नहीं हटे।
गंभीर ने माना कि यह फेलियर सबसे पहले उनका है। उन्होंने कहा कि दोष किसी एक खिलाड़ी का नहीं हो सकता। 95/1 से 122/7 जैसा पतन किसी भी टीम के लिए स्वीकार्य नहीं है और इसकी शुरुआत कोच से ही होती है। उनके कोच बनने के बाद भारत ने 18 में से 10 टेस्ट गंवाए हैं और पिछले दो वर्षों में घरेलू सीरीज में न्यूजीलैंड और अब दक्षिण अफ्रीका द्वारा 0-3 और 0-2 से रौंदे जाने ने उनकी रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
खासतौर पर टेस्ट टीम के कॉम्बिनेशन को लेकर उनकी आलोचना बढ़ी है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि गंभीर लगातार स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों की जगह ऑलराउंडर्स पर भरोसा कर रहे हैं, जिससे टीम का बैलेंस बिगड़ रहा है। इस पर अपनी सफाई में गंभीर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट ग्लैमरस खिलाड़ियों का खेल नहीं है। यहाँ चमक नहीं, चरित्र चाहिए। कम स्किल लेकिन मजबूत इरादों वाले खिलाड़ी ही अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते हैं, और उनका विश्वास उसी दिशा में है।
उधर कप्तान ऋषभ पंत, जिन्हें शुभमन गिल की चोट के चलते गुवाहाटी में टीम की कमान संभालनी पड़ी, उन्होंने भी टीम के प्रदर्शन को लेकर कड़वी सच्चाई स्वीकार की। पंत ने कहा कि सिर्फ यह भरोसा कर लेना कि घर में खेल रहे हैं इसलिए जीत अपने आप मिल जाएगी, यह सबसे बड़ी गलती है। दक्षिण अफ्रीका ने मौके का बेहतर इस्तेमाल किया, जबकि भारत पूरी सीरीज में यही करने में नाकाम रहा। पंत ने यह भी कहा कि टीम को अब अपनी गलतियों से सीखकर एकजुट होकर वापसी करनी होगी।
हार, आलोचना, भविष्य पर सवाल और कोच-कप्तान की आत्मस्वीकृति—इन सबके बीच भारतीय टीम का माहौल अब बदलाव की दहलीज़ पर खड़ा दिखाई देता है। फैसला चाहे जो भी आए, लेकिन गंभीर का यह बयान साफ संकेत दे देता है कि आगे बड़े फैसले होने वाले हैं और शायद भारतीय टेस्ट क्रिकेट एक नई दिशा की ओर बढ़ने की तैयारी में है।