सर्दियों में अक्सर शरीर ढीला पड़ने लगता है। जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी और ठंड से कंपकंपी—ये सब मौसम का असर है। लेकिन इसी मौसम में एक ऐसा देसी नुस्खा है, जिसे पीढ़ियाँ आज़माती आई हैं और जो आज भी अपनी ताकत साबित करता है—गोंद का लड्डू। यह कोई सामान्य मिठाई नहीं, बल्कि ठंड के दिनों में शरीर को गर्म रखने, इम्युनिटी बढ़ाने और एनर्जी लौटाने का एक भरोसेमंद घरेलू फ़ॉर्मूला है। रोज़ सिर्फ एक लड्डू, और शरीर में इतना बदलाव आता है कि बाज़ार के महंगे सप्लीमेंट भी पीछे छूट जाते हैं।
गोंद के लड्डू की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह पूरी तरह नेचुरल है और इसके हर एक घटक का अपना अलग फायदा है। खाने वाली गोंद को धीमी आंच पर घी में भूनने से वह फूलकर हल्की और पचने में आसान हो जाती है। फिर भूने हुए गोंद में गेहूं का आटा, बादाम, काजू और मूंगफली जैसी पौष्टिक सामग्री मिलकर एक ऐसा मिश्रण बनाते हैं, जो ठंड में शरीर को जरूरत की पूरी ताकत देता है। मीठे के लिए इसमें गुड़ मिलाया जाता है, जो आयरन का बेहतरीन स्रोत है और ठंड में खून बढ़ाने से लेकर पाचन दुरुस्त रखने तक काम आता है।
जब आटे और ड्राईफ्रूट्स में पिघला हुआ गुड़ और इलायची का स्वाद मिल जाता है, तब गोंद डालकर यह मिश्रण एक ऐसे देसी सुपरफूड में बदल जाता है, जिसे हाथ में थोड़ा घी लगाकर लड्डू के रूप में आकार दे दिया जाता है। एक बार तैयार हो जाए तो ये लड्डू हफ्तों तक ख़राब नहीं होते और रोज़ एक खाने से शरीर में एक अलग ही तरह की गर्माहट, ऊर्जा और फुर्ती महसूस होती है।
सर्दियों में जब शरीर को एक्स्ट्रा पोषण चाहिए होता है, गोंद का लड्डू उसी कमी को पूरा करता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है, जोड़ों के दर्द में आराम देता है और इम्युनिटी को इतना मजबूत बना देता है कि मौसम का असर शरीर पर कम होता है। यही वजह है कि दादी-नानी से लेकर डॉक्टर तक—हर कोई मानता है कि ठंड में गोंद के लड्डू से बेहतर और कोई घरेलू सुपरफूड नहीं।
थोड़ा सा समय निकालकर ये लड्डू घर में बनाकर रख लीजिए। रोज़ एक खाएं और महसूस कीजिए कि कैसे ठंड में भी शरीर पहले जैसा हल्का, ताकतवर और सक्रिय बना रहता है। यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, सर्दियों का असली पावरहाउस है।