भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर में अपनी अलग पहचान बना चुकी मीशो अब शेयर बाजार में कदम रखने की तैयारी में है। कंपनी का बहुप्रतीक्षित IPO 3 दिसंबर 2025 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा, जिसकी कीमत ₹105 से ₹111 प्रति शेयर के दायरे में तय की गई है। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए 135 शेयरों का लॉट साइज रखा गया है, यानी ऊपरी कीमत पर न्यूनतम निवेश ₹14,685 होगा। यह पब्लिक इश्यू 5 दिसंबर तक खुला रहेगा, अलॉटमेंट 8 दिसंबर को और लिस्टिंग 10 दिसंबर को BSE और NSE पर होगी। कुल ₹5,421 करोड़ के इस IPO में 4,250 करोड़ का फ्रेश इश्यू और 1,171 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल शामिल है।
लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में मीशो की जबरदस्त चर्चा है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अभी लगभग 30% प्रीमियम दिखा रहा है, जो संकेत देता है कि लिस्टिंग डे पर अच्छा गेन संभव है। हालांकि ग्रे मार्केट अनऑफिशियल होता है, लेकिन अक्सर यही संकेत देता है कि निवेशकों का रुझान कैसा है और शेयर लिस्टिंग पर कहां खुल सकता है। कई बार GMP सटीक बैठता है और कई बार थोड़ा ऊपर-नीचे भी हो जाता है, लेकिन लिस्टिंग गेन का अनुमान लगाने के लिए यह सबसे लोकप्रिय संकेतक माना जाता है।
IPO से जुटाए जाने वाले फंड का बड़ा हिस्सा टेक्नोलॉजी पर खर्च होगा। कंपनी 1,390 करोड़ रुपए अपने सब्सिडियरी प्लेटफॉर्म Meesho Technologies पर क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाएगी। लगभग 1,020 करोड़ रुपए मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर खर्च होंगे, जबकि 480 करोड़ रुपए मशीन लर्निंग और AI टीम्स की सैलरी और डेवलपमेंट में इस्तेमाल किए जाएंगे। शेष राशि इनऑर्गेनिक ग्रोथ और जनरल कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए रखी गई है।
मीशो की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है जितना इसका तेजी से बढ़ता बिजनेस। IIT दिल्ली के दो दोस्तों—विदित आत्रेय और संजीव बरनवाल—ने 2015 में बेंगलुरु के कोरमंगला इलाके में एक दो-बेडरूम अपार्टमेंट से इसकी शुरुआत की थी। डाइनिंग टेबल पहला वर्कस्टेशन था और कंपनी की शुरुआत छोटे-छोटे प्रयासों से हुई। लेकिन बहुत जल्द इसकी सोशल कॉमर्स मॉडल ने पूरे भारत में खासकर छोटे शहरों की महिलाओं के बीच धूम मचा दी। बिना निवेश के लोग ऑनलाइन प्रोडक्ट रीसेल करने लगे और इसकी पहुंच तेजी से बढ़ती चली गई। आज मीशो का वैल्यूएशन लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के आसपास माना जा रहा है।
मीशो ने पारंपरिक ई-कॉमर्स मॉडल से हटकर सोशल मीडिया पर आधारित रीसेलिंग का मॉडल अपनाया, जो इसकी असली ताकत साबित हुआ। व्हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से सेलर्स सीधे ग्राहकों तक पहुंचते हैं। खासकर फैशन, लाइफस्टाइल, फुटवियर और अनब्रांडेड प्रोडक्ट्स में इसका दबदबा बढ़ा। इसने छोटे मैन्युफैक्चरर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी बड़ा प्लेटफॉर्म दिया, जो बड़े ई-कॉमर्स खिलाड़ियों पर पहले जगह बनाने में संघर्ष करते थे।
वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो कंपनी ने तेजी से रेवेन्यू बढ़ाया है और घाटा कम किया है। सितंबर 2025 तक छह महीनों में मीशो का रेवेन्यू लगभग 29.4% बढ़कर 5,577.5 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसी अवधि में कंपनी का नेट लॉस घटकर 700.7 करोड़ रह गया, जबकि इससे पहले यह 2,512.9 करोड़ रुपए था। यह सुधार बढ़ते यूजर बेस और बढ़ते ऑर्डर वॉल्यूम की वजह से है, हालांकि प्रॉफिटेबिलिटी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
30 सितंबर 2025 तक मीशो ने भारत में ऑर्डर वॉल्यूम और एनुअल एक्टिव कस्टमर्स दोनों में नंबर-1 पोजीशन हासिल कर ली है। इसके प्लेटफॉर्म पर कुल 23.42 करोड़ एक्टिव ग्राहक हैं, जिनमें से 20.58 करोड़ टॉप-8 शहरों के बाहर के हैं। महिला यूजर्स इसका बड़ा हिस्सा हैं, जिनकी हिस्सेदारी करीब 53% है। हालांकि ऑर्डर की औसत वैल्यू 2023 के 337 रुपए से घटकर 2025 में 274 रुपए रह गई है, फिर भी मीशो ने कुल 183 करोड़ ऑर्डर्स के साथ नई ऊंचाइयां हासिल की हैं।
कंपनी के प्रमुख निवेशकों में इलेवेशन कैपिटल, नैस्पर्स-प्रोसस, पीक XV पार्टनर्स, सॉफ्टबैंक और वेस्टब्रिज जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जो इस IPO में अपने हिस्से का कुछ हिस्सा बेचेंगे। भारत का ई-कॉमर्स मार्केट लगातार तेजी से बढ़ रहा है और मीशो ने टियर-2 और टियर-3 बाजारों में मजबूत पकड़ बना ली है। कंपनी का कहना है कि IPO के बाद टेक्नोलॉजी, AI और क्लाउड में निवेश से ग्राहक अनुभव और बेहतर होगा।
हालाँकि, मीशो का मुकाबला अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे दिग्गजों से है और प्रॉफिटेबिलिटी को लेकर आगे की राह आसान नहीं, लेकिन लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह IPO एक बड़ी संभावना लेकर आया है।