रायपुर के IIM नवा रायपुर परिसर में आयोजित 60वीं ऑल इंडिया DGP-IG कॉन्फ्रेंस इस बार सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था बदलने का बड़ा मंच साबित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की सिक्योरिटी स्ट्रैटजी को नए सिरे से गढ़ने का अवसर देता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि देश की पुलिसिंग को अब जनता, खासकर युवाओं के बीच एक भरोसेमंद और संवेदनशील छवि बनानी होगी।
PM मोदी ने महिला सुरक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि डायल-112 की तर्ज पर एक ऐसा देशव्यापी प्लेटफॉर्म बनाया जाना चाहिए, जो किसी भी महिला को तुरंत सुरक्षा और सहायता उपलब्ध कराए। उनके मुताबिक आने वाले वर्षों में भारत की कानून-व्यवस्था AI, फोरेंसिक, NATGRID और पूरी तरह डेटा-ड्रिवन सिस्टम पर आधारित होगी—यानी तकनीक पुलिसिंग की रीढ़ बनेगी।
बैठक में भगोड़ों को विदेश से वापस भारत लाने की संयुक्त रणनीति पर भी गहन चर्चा हुई। यह बताया गया कि भारत की अभी 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि और 11 देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था है। इस मामले में गृह मंत्रालय नोडल विभाग है। छत्तीसगढ़ के चार भगोड़ों—सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी और शराब घोटाले के आरोपी विकास अग्रवाल उर्फ सिब्बू—का भी उल्लेख हुआ, जिनके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है और जो वर्तमान में दुबई में छिपे होने की जानकारी है।
तीन दिन चली इस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण सत्र हुए। रविवार सुबह उन राज्यों को अवसर मिला जिनकी प्रस्तुतियां शनिवार को पूरी नहीं हो सकी थीं। शुरुआत पुलिसिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर हुई, जबकि दूसरे सत्र का फोकस गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया पर था। राज्यों के इनपुट, पिछली सिफारिशें और सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों को मिलाकर अंतिम मसौदा तैयार किया गया। साथ ही देश के जियो-पॉलिटिकल चुनौतियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
शनिवार का दिन सबसे व्यस्त रहा—लगातार 13 घंटे तक चली मैराथन बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और NSA अजीत डोभाल सहित देशभर की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। यहां महिला सुरक्षा को तकनीक से जोड़ने, साइबर अपराधों के उभरते स्वरूप, ड्रग्स की रोकथाम, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गहन विमर्श हुआ।
छत्तीसगढ़ के DGP अरुण देव गौतम ने ‘बस्तर 2.0’ पर प्रस्तुति देते हुए मार्च 2026 तक नक्सलवाद के उन्मूलन के बाद की विकास रणनीति समझाई। इसके साथ 2047 की पुलिसिंग का रोडमैप भी तैयार किया गया। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने अधिकारियों को आने वाले 21 वर्षों के लिए तकनीक आधारित, जवाबदेह और आधुनिक पुलिसिंग सिस्टम की दिशा में काम करने के निर्देश दिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले दिन देश के टॉप-3 पुलिस स्टेशनों को सम्मानित किया। इनमें दिल्ली का गाजीपुर थाना पहले, अंडमान-निकोबार का पहरगांव दूसरा और कर्नाटक के रायचूर जिले का कवितला थाना तीसरे स्थान पर रहा।
कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी M-1 और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह M-11 सूइट में ठहरे। नए सर्किट हाउस, ठाकुर प्यारेलाल संस्थान और निमोरा अकादमी में देशभर से आए 75 से अधिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए कमरों की व्यवस्था की गई थी।
कॉन्फ्रेंस के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने अलग-अलग स्कूलों के 30 छात्रों से मुलाकात कर कॅरियर और परीक्षा संबंधी बातचीत की। यह बीते एक महीने में उनका छत्तीसगढ़ का दूसरा दौरा था—1 नवंबर को वे राज्य स्थापना दिवस पर भी रायपुर आए थे।
रायपुर की यह कॉन्फ्रेंस न सिर्फ तकनीक-आधारित भविष्य की पुलिसिंग के रोडमैप को मजबूत करती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में भारत की सामूहिक प्रतिबद्धता का भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक बनकर सामने आई।