दिल्ली–NCR में हवा की स्थिति एक बार फिर चिंताजनक हो गई है। रविवार को थोड़ी राहत के बाद सोमवार सुबह राजधानी जहरीली धुंध की चादर में ढकी नजर आई। पिछले 24 घंटों में हालात इतने बिगड़े कि दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 269 से उछलकर 300 के पार पहुंच गया और “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि आनंद विहार और ITO जैसे इलाकों में AQI 325 दर्ज हुआ—जो दिल्ली की हवा में मौजूद प्रदूषकों की गंभीरता को साफ दिखाता है। वहीं इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और आसपास के सेंट्रल जोन में AQI 267 रहा, जिसे “खराब” श्रेणी में रखा जाता है। CPCB की मानक श्रेणियों के अनुसार 301–400 AQI मतलब हवा बेहद खराब—यानी सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और अस्थमा मरीजों के लिए खतरनाक हालात।
सोमवार सुबह 8 बजे समीर ऐप पर आई रीडिंग ने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली की हवा कई इलाकों में सांस लेने लायक नहीं बची है। नेहरू नगर 354 AQI के साथ सबसे प्रदूषित रहा। उसके बाद रोहिणी (343), बवाना (339), आरके पुरम (338), मुंडका (330), पंजाबी बाग (329), आनंद विहार (327), वज़ीरपुर (325), शादीपुर (324) और जहांगीरपुरी (321)—ये सभी इलाके “बेहद खराब” स्तर वाली हवा में सांस ले रहे हैं।
वहीं सबसे साफ हवा NSIT द्वारका स्टेशन पर दर्ज हुई, जहां AQI 202 दर्ज किया गया—हालांकि यह भी “मध्यम से खराब” के बीच की श्रेणी में आता है।
दिल्ली में दिसंबर की शुरुआत के साथ तापमान में भी तेज गिरावट दर्ज हुई है। दिन की नरम धूप के बावजूद न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे है। अनुमान है कि सोमवार रात पारा 8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क सकता है, जबकि दिन का तापमान 21–23 डिग्री के बीच रहेगा। सफदरजंग स्टेशन पर सोमवार को न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ—यह सीज़न का सबसे कम और 2022 के बाद नवंबर का सबसे ठंडा तापमान है। इससे पहले 26 नवंबर को भी दिल्ली ने तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए न्यूनतम तापमान 8°C दर्ज किया था।
दिल्ली की हवा में बढ़ता प्रदूषण, धुंध और गिरता तापमान—इन तीनों ने मिलकर राजधानी के मौसम को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि सुबह से ही लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें होने लगी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक हवा की स्थिति में खास सुधार की उम्मीद नहीं, इसलिए संवेदनशील लोगों को बाहर निकलते समय मास्क और सावधानी दोनों ही बरतनी चाहिए।