दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार सुबह कश्मीर में लगभग 10 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की। इन छापों का निशाना वही नेटवर्क है जिसे “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” कहा जा रहा है—यानि पढ़े-लिखे, पेशेवर लोग, जो आतंकवाद की साजिश को तकनीकी और वित्तीय रूप से संचालित कर रहे थे।
NIA टीमों ने शोपियां के नादिगाम, पुलवामा के कोइल, चंदगाम, मलंगपोरा, संबूरा और कुलगाम सहित कई जगहों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। जिन घरों पर रेड हुई उनमें मौलवी इरफान अहमद, डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल, आमिर राशिद और जसीर बिलाल जैसे नाम शामिल हैं। यह वही लोग हैं जिनके दिल्ली ब्लास्ट और उसके पीछे काम कर रहे मॉड्यूल से जुड़े होने के ठोस संकेत मिलते रहे हैं।
जसीर बिलाल—डॉ. उमर का सबसे अहम ‘टेक्निकल ब्रेन’
NIA की नजर खास तौर पर जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश पर है, जो दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य सह-साजिशकर्ता माना जा रहा है। जसीर पर आरोप है कि उसने आतंकी डॉ. उमर नबी के साथ मिलकर भारत में हमास की तरह ड्रोन हमलों की प्लानिंग की थी। वह ड्रोन मॉडिफाई करने, रॉकेट प्रोजेक्टाइल बनाने और डिजिटल सपोर्ट देने में माहिर बताया जा रहा है।
17 नवंबर को जसीर को श्रीनगर से पकड़ा गया था। वह अनंतनाग के काजीगुंड का रहने वाला है, पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट है और पिछले साल अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में पहली बार डॉ. उमर से मिला था। वहीं से वह टेरर मॉड्यूल में शामिल हुआ।
सूत्र बताते हैं कि आतंकी चाहते थे कि जसीर जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक्टिव वर्कर बने, लेकिन उमर नबी ने उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए उकसाया। जसीर ने अप्रैल 2025 में आर्थिक तंगी और धार्मिक कारणों से आत्मघाती बनने से इनकार कर दिया, लेकिन उसने उमर को टेक्निकल सपोर्ट देना जारी रखा।
फंडिंग पर झगड़ा—40 लाख की रकम ने बढ़ाया तनाव
जांच में खुलासा हुआ कि डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच जमात द्वारा भेजे गए 40 लाख रुपये को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। ब्लास्ट के सामान खरीदने में हुए खर्च और फंड के बंटवारे को लेकर दोनों आमने-सामने आ गए थे।
इसी मामले में NIA ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास की एक मस्जिद से मौलवी इश्तियाक को गिरफ्तार किया। उसके पास से फंडिंग से जुड़े कई सुराग मिले, जिनका इस्तेमाल ब्लास्ट की तैयारियों में किया गया था।
कार ब्लास्ट—दिल्ली की सबसे बड़ी आतंकी वारदातों में शामिल
10 नवंबर की शाम 6:52 पर लाल किला मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में खड़ी सफेद हुंडई कार में विस्फोट हुआ था। धमाका इतना बड़ा था कि 15 लोगों की मौत हो गई और इलाके में भारी दहशत फैल गई। जांच में साफ हुआ कि खुद को उड़ाने वाला शख्स—डॉ. उमर—पुलवामा का रहने वाला था और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था।
अब तक मौलवी इरफान, डॉ. आदिल, जसीर बिलाल, डॉ. मुजम्मिल सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 5 जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं—जिससे यह साफ है कि आतंकी मॉड्यूल एक संगठित नेटवर्क की तरह काम कर रहा था।
पुंछ में VPN सेवाएं बंद—संदिग्ध गतिविधियों पर रोक
ब्लास्ट केस और सीमा पार गतिविधियों को देखते हुए पुंछ जिले में तुरंत प्रभाव से सभी VPN सेवाएं दो महीने के लिए बंद कर दी गई हैं। प्रशासन ने कहा है कि VPN के जरिए सूचनाएं बाहर जाने और संदिग्ध मूवमेंट बढ़ने का खतरा था, इसलिए यह कदम जरूरी था।
NIA की ताजा छापेमारी इस बात का संकेत है कि दिल्ली ब्लास्ट की जांच एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को जकड़ने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां तथा नए खुलासे संभव हैं, जिनसे साफ होगा कि यह साजिश कितनी गहरी और कितनी तकनीकी रूप से उन्नत थी।