उत्तर भारत की रसोई में राजमा-चावल का नाम लेते ही मुंह में स्वाद घुलने लगता है। खासकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में इसे वीकेंड की शान माना जाता है। लेकिन अक्सर घर में बनने वाला राजमा उतना गाढ़ा, मसालेदार और क्रीमी नहीं बन पाता, जितना बाहर के रेस्टोरेंट में मिलता है। जबकि सच तो यह है कि कुछ आसान कुकिंग ट्रिक्स और सही बेस के साथ घर का साधारण राजमा भी उसी रेस्टोरेंट स्टाइल में बदल सकता है।
राजमा की पूरी जान उसके मसाले और धीमी आंच पर पकाई गई ग्रेवी में छिपी होती है। यदि प्याज़-टमाटर का मसाला अच्छी तरह से भुन जाए और उसमें क्रीम जैसा टेक्सचर तैयार हो जाए, तो राजमा का स्वाद अपने आप कई गुना बढ़ जाता है। इसके लिए जरूरी है कि बेस गाढ़ा हो, मसाले अच्छी तरह पकें और राजमा पूरी तरह नरम होकर ग्रेवी में घुल जाए।
राजमा बनाने की शुरुआत भिगोए हुए राजमा से होती है। इसे अच्छी तरह धोकर कुकर में हल्दी और नमक के साथ डालें और लगभग 5-6 सीटी आने तक पकाएं। राजमा जितना नरम होगा, उतना ही वह मसाले को सोखकर वही रेस्टोरेंट वाला गाढ़ापन देगा। इसके बाद कड़ाही में घी या तेल गर्म करें, जीरे का तड़का लगाएं और प्याज़ को भूरी होने तक भूनें। फिर अदरक-लहसुन पेस्ट मिलाएं और मसाले को तब तक चलाएं जब तक उसकी कच्ची महक खत्म न हो जाए। इसके बाद टमाटर पेस्ट मिलाकर मसाले को अच्छी तरह भूनें—तेल अलग होने लगे तो समझिए आपका बेस तैयार है।
अब इसमें धनिया पाउडर, लाल मिर्च, हल्दी और स्वादानुसार नमक डालें। चाहें तो किचन किंग मसाला भी मिला सकते हैं, जो ग्रेवी को एक अलग ही सुगंध और गहराई देता है। मसाले को मिलाने के बाद उबला हुआ राजमा और एक कप पानी डालें और धीमी आंच पर 15–20 मिनट पकने दें। यही धीमी कुकिंग राजमा की असली खूबसूरती है, जिससे उसका स्वाद उभरकर आता है और पूरा मसाला ग्रेवी में एकदम क्रीमी हो जाता है।
जब ग्रेवी गाढ़ी होने लगे तो इसमें गरम मसाला और मलाई या बटर डाल दें। इस कदम से राजमा का टेक्सचर बिल्कुल उसी तरह क्रीमी हो जाता है जैसा रेस्टोरेंट में मिलता है। ऊपर से हरा धनिया डालें और कुछ मिनट दम पर रहने दें—बस आपका रेस्टोरेंट स्टाइल राजमा तैयार है।
इसे गरम-गरम चावल, तंदूरी रोटी या नान के साथ परोसें। ऊपर से मक्खन की छोटी सी टिक्की स्वाद को एक नए स्तर पर ले जाती है। इस आसान और लाजवाब तरीके से बना राजमा आपका वीकेंड यादगार बना देगा।