अगर आपके घर में छोटी-सी बालकनी, छत या खिड़की के पास थोड़ी-सी खुली जगह भी है, तो आप वहां बड़ी आसानी से भिंडी उगा सकते हैं। यह सब्जी अब केवल खेतों तक सीमित नहीं रही, बल्कि सही देखभाल के साथ गमले में भी खूब अच्छी पैदावार देती है। सबसे अच्छी बात यह है कि घर पर उगी भिंडी पूरी तरह ताज़ी और कीटनाशक-मुक्त होती है, जिससे स्वाद के साथ सेहत का भी पूरा ध्यान रखा जा सकता है। भिंडी का पौधा ज्यादा जगह नहीं मांगता और जल्दी फल देना शुरू कर देता है, इसलिए जो लोग पहली बार होम गार्डनिंग शुरू कर रहे हैं, उनके लिए भी यह एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है।
गमले में भिंडी उगाने के लिए सबसे जरूरी है सही गमले का चुनाव। चूंकि भिंडी की जड़ें नीचे तक फैलती हैं, इसलिए कम से कम 12 से 14 इंच गहरा गमला चुनना चाहिए ताकि पौधा बिना रुकावट के अच्छी तरह बढ़ सके। प्लास्टिक, टेराकोटा या ग्रो बैग किसी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, बस गमले के नीचे पानी निकलने के लिए छेद जरूर होना चाहिए, ताकि जड़ों में पानी जमा न हो।
भिंडी के अच्छे विकास के लिए मिट्टी का सही मिश्रण भी बेहद जरूरी होता है। साधारण गार्डन मिट्टी में थोड़ा कम्पोस्ट और रेत मिलाकर इसे हल्का और उपजाऊ बनाया जा सकता है। ऐसा मिश्रण पानी को ज्यादा देर तक रोकता नहीं और जड़ों को जरूरी पोषण भी देता है, जिससे पौधा तेजी से बढ़ता है और ज्यादा फल देता है।
बीज बोने से पहले अगर उन्हें रातभर पानी में भिगो दिया जाए तो अंकुरण जल्दी होता है। गमले में मिट्टी भरकर बीज लगभग एक से दो सेंटीमीटर की गहराई में डालने चाहिए और ऊपर से हल्का पानी देना चाहिए। एक गमले में तीन से चार बीज पर्याप्त होते हैं, ताकि बाद में पौधों को बढ़ने की पूरी जगह मिल सके।
भिंडी को अच्छी तरह बढ़ने के लिए रोजाना कम से कम छह से सात घंटे की धूप चाहिए होती है, इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां भरपूर धूप मिले। पानी नियमित रूप से देना जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी देने से बचना चाहिए, क्योंकि जलभराव से जड़ें सड़ सकती हैं। मिट्टी को बस हल्का नम बनाए रखना ही सबसे अच्छा रहता है।
जैसे-जैसे पौधा बड़ा होता है, उसे सहारे की जरूरत पड़ने लगती है। ऐसे में एक पतली लकड़ी या डंडी लगाकर पौधे को सीधा सहारा दिया जा सकता है, जिससे वह टूटे नहीं और अच्छी तरह ऊपर की ओर बढ़े। कीटों से बचाव के लिए नीम के तेल का हल्का स्प्रे हफ्ते में एक-दो बार करना काफी असरदार रहता है और यह पूरी तरह सुरक्षित भी होता है।
बीज बोने के करीब 45 से 55 दिन बाद भिंडी तोड़ने लायक हो जाती है। जब फल कोमल और हरे हों, तभी उन्हें तोड़ लेना चाहिए। समय-समय पर भिंडी तोड़ते रहने से पौधे पर और ज्यादा फल आने लगते हैं और पैदावार भी बढ़ जाती है।
इस तरह थोड़ी-सी मेहनत और सही देखभाल से आप घर बैठे गमले में ही ताज़ी भिंडी की भरपूर फसल पा सकते हैं और अपने परिवार को हेल्दी व केमिकल-फ्री सब्जी का स्वाद दे सकते हैं।