सर्दियों का मौसम आते ही बहुत से लोगों के भीतर एक अजीब-सी उदासी घर करने लगती है। बिना किसी ठोस वजह के मन भारी रहने लगता है, थकान जल्दी महसूस होने लगती है और कई बार ऐसा लगता है जैसे अंदर से ऊर्जा ही खत्म हो गई हो। दरअसल ठंड के मौसम में दिन छोटे हो जाते हैं, धूप कम मिलती है और लंबे समय तक अंधेरा बना रहता है, जिसका सीधा असर हमारे दिमाग के मूड को कंट्रोल करने वाले हार्मोन पर पड़ता है। यही वजह है कि सर्दियों में कई लोगों को Seasonal Affective Disorder यानी विंटर ब्लूज़ जैसी स्थिति महसूस होने लगती है।
हालांकि राहत की बात यह है कि कुछ आसान घरेलू उपाय, हल्के लाइफस्टाइल बदलाव और नेचुरल तरीकों को अपनाकर इस उदासी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप थोड़ी-सी सजगता दिखाएं तो सर्दियों में भी खुद को खुश, एक्टिव और पॉजिटिव बनाए रख सकते हैं।
सर्दियों में धूप की कमी सबसे बड़ा कारण मानी जाती है मूड डाउन होने का। शरीर में सेरोटोनिन और विटामिन डी का स्तर गिरते ही मन उदास रहने लगता है। ऐसे में रोज सुबह 10 से 15 मिनट धूप में बैठना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। यह न केवल शरीर को गर्माहट देता है, बल्कि दिमाग को भी तुरंत एनर्जी का सिग्नल देता है और मन हल्का महसूस कराने लगता है।
ठंड के मौसम में आलस बढ़ जाना बहुत सामान्य बात है, लेकिन यही आलस धीरे-धीरे मानसिक सुस्ती में बदल सकता है। इसलिए जरूरी है कि रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर की जाए। 20 मिनट की वॉक, थोड़ी-सी स्ट्रेचिंग या योग भी एंडोर्फिन हार्मोन को रिलीज करता है, जिसे “फील-गुड हार्मोन” कहा जाता है। इससे तनाव कम होता है, मन शांत रहता है और उदासी धीरे-धीरे दूर होने लगती है।
खान-पान का भी सीधे तौर पर हमारे मूड से गहरा संबंध होता है। सर्दियों में गर्म चीजें जैसे सूप, हर्बल टी, हल्दी वाला दूध और ओट्स मन को आराम देने का काम करते हैं। वहीं अंडे, नट्स, केले और डार्क चॉकलेट जैसे फूड्स दिमाग में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे मूड अपने-आप बेहतर होने लगता है। सही डाइट सिर्फ शरीर ही नहीं, मानसिक संतुलन के लिए भी बेहद जरूरी है।
सर्दियों में लोग ज्यादा समय घर के अंदर बिताने लगते हैं, जिससे कई बार दिमाग को खालीपन घेर लेता है और यही खालीपन उदासी में बदल जाता है। ऐसे में खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में बिज़ी रखना बहुत जरूरी हो जाता है। कोई नया शौक अपनाना, जैसे स्केचिंग, कुकिंग, डांस, म्यूज़िक या किताबें पढ़ना मन को नई दिशा देता है और नकारात्मक सोच से बाहर निकालने में मदद करता है।
सोशल कनेक्शन भी विंटर डिप्रेशन से बाहर निकलने का एक बेहद मजबूत जरिया है। ठंड में अक्सर लोग खुद को दूसरों से अलग-थलग कर लेते हैं, लेकिन यही दूरी उदासी को और गहरा कर देती है। दोस्तों या परिवार से बातचीत करना, छोटी-सी मुलाकात प्लान करना या सिर्फ फोन पर दिल की बात साझा करना भी मन को हल्का कर देता है। सामाजिक जुड़ाव दिमाग को यह एहसास दिलाता है कि आप अकेले नहीं हैं।
कुल मिलाकर सर्दियों की उदासी कोई स्थायी समस्या नहीं है। थोड़ी-सी जागरूकता, सही दिनचर्या, बेहतर खान-पान और सकारात्मक सोच के साथ आप इस विंटर डिप्रेशन को आसानी से मात दे सकते हैं और ठंड के मौसम को भी हल्के-फुल्के, खुशहाल अंदाज़ में जी सकते हैं।