Vedanta Share: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता के शेयरों में तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को भी शेयर लगातार सातवें कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ और करीब 2 फीसदी की छलांग लगाकर 580.45 रुपये के नए ऑल-टाइम हाई स्तर पर पहुंच गया। बीते सात कारोबारी दिनों में वेदांता का शेयर कुल 13.5 फीसदी तक चढ़ चुका है। कमजोर डॉलर के माहौल में बेस मेटल्स की कीमतों में मजबूती और कंपनी से जुड़ी सकारात्मक खबरों ने निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया है।
इस दौरान सिर्फ वेदांता ही नहीं, बल्कि अन्य मेटल शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा वेदांता की ही रही। इसकी सबसे बड़ी वजह कंपनी के बहुप्रतीक्षित डीमर्जर प्लान को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से मिली मंजूरी है, जिसे बाजार ने बेहद सकारात्मक संकेत के तौर पर लिया है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की दो सदस्यीय पीठ ने वेदांता के डीमर्जर प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। अपने आदेश में ट्रिब्यूनल ने साफ कहा कि यह योजना निष्पक्ष और तार्किक है तथा किसी भी कानून या सार्वजनिक हित के खिलाफ नहीं जाती। इससे पहले नवंबर में हुई सुनवाई के दौरान पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस योजना पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मामला सुरक्षित रख लिया गया था। अब इस मंजूरी को वेदांता के लिए एक बड़े रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि इस फैसले के खिलाफ अपील का विकल्प अभी खुला हुआ है।
कंपनी के मुताबिक, डीमर्जर को मिली मंजूरी वेदांता को अलग-अलग सेक्टर पर केंद्रित कंपनियों में बदलने की दिशा में अहम पड़ाव है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद वेदांता की मौजूदा कारोबारी संरचना पांच अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में विभाजित हो जाएगी। एल्यूमिनियम, पावर, ऑयल एंड गैस और आयरन एंड स्टील जैसे कारोबार स्वतंत्र इकाइयों के रूप में काम करेंगे, जबकि रीस्ट्रक्चर्ड वेदांता लिमिटेड के पास जिंक और सिल्वर का बिजनेस रहेगा। यही इकाई नई टेक्नोलॉजी और भविष्य के वेंचर्स के लिए इनक्यूबेटर की भूमिका भी निभाएगी।
डीमर्जर को मंजूरी मिलने के बाद ब्रोकरेज हाउस भी वेदांता को लेकर और ज्यादा बुलिश नजर आने लगे हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने वेदांता पर अपनी रेटिंग ‘एड’ से बढ़ाकर ‘बाय’ कर दी है और टारगेट प्राइस को 550 रुपये से बढ़ाकर 650 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज का मानना है कि पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज से जुड़े कर्ज को लेकर जो चिंताएं थीं, वे अब काफी हद तक कम हो चुकी हैं।
नुवामा रिसर्च पहले ही यह राय दे चुका है कि डीमर्जर के बाद एल्यूमिनियम, स्टील और पावर जैसे कारोबारों की वास्तविक वैल्यू खुलकर सामने आएगी। नुवामा के अनुसार, मौजूदा स्थिति में वेदांता का फेयर वैल्यू 686 रुपये प्रति शेयर के आसपास है और डीमर्जर लागू होने के बाद इसमें प्रति शेयर करीब 84 रुपये तक की अतिरिक्त वैल्यू जुड़ सकती है। इस योजना के तहत हर वेदांता शेयरधारक को अपने एक मौजूदा शेयर के बदले नई लिस्टेड कंपनियों के एक-एक शेयर मिलेंगे।
अगर शेयर के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो वेदांता ने निवेशकों को मजबूत रिटर्न दिया है। चालू साल में अब तक यह शेयर करीब 29 फीसदी का रिटर्न दे चुका है, जबकि 2024 में इसमें 72 फीसदी की जोरदार तेजी देखने को मिली थी। साल की शुरुआत भले ही कुछ सुस्त रही हो, लेकिन बेस मेटल्स में आई रैली के साथ पिछले तीन महीनों में शेयर लगातार ऊपर चढ़ता रहा है। सितंबर के महीने में तो वेदांता ने सबसे ज्यादा 11 फीसदी की मासिक बढ़त दर्ज की थी, जिसने इसकी मजबूती को और पुख्ता कर दिया है।