पायल गेमिंग के नाम से वायरल MMS पर मचा हंगामा, इंफ्लुएंसर ने सामने आकर बताया सच और दी सख्त चेतावनी

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देश की चर्चित गेमिंग इंफ्लुएंसर पायल गेमिंग इन दिनों सोशल मीडिया पर फैली एक गंभीर अफवाह को लेकर सुर्खियों में हैं। इंटरनेट पर एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसे बिना किसी ठोस आधार के पायल गेमिंग से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। वीडियो में दिखाई देने वाली महिला को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर गलत चर्चाएं तेज हो गईं और पायल का नाम इस विवाद से जोड़ दिया गया।

लगातार बढ़ती अफवाहों और चरित्र हनन के बीच आखिरकार पायल गेमिंग ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी। बुधवार 17 दिसंबर को उन्होंने एक लंबा और भावुक बयान जारी करते हुए साफ किया कि वायरल हो रहा वीडियो उनसे किसी भी तरह से संबंधित नहीं है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उस वीडियो में दिखाई देने वाली महिला वह नहीं हैं और इसका उनके निजी जीवन, उनके फैसलों या उनकी पहचान से कोई लेना-देना नहीं है।

अपने बयान में पायल ने लिखा कि उन्हें कभी यह अंदाजा नहीं था कि उन्हें इतनी निजी और दर्दनाक बात पर सार्वजनिक रूप से सफाई देनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों से ऑनलाइन ऐसे कंटेंट फैलाए जा रहे हैं, जिनमें जानबूझकर उनके नाम और तस्वीर को एक ऐसे वीडियो से जोड़ा जा रहा है, जिसका उनसे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बिना किसी संदेह के यह बात दोहराई कि यह पूरी तरह झूठा और भ्रामक है।

पायल ने आगे कहा कि वह आमतौर पर नकारात्मकता और ट्रोलिंग को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने में विश्वास रखती हैं, लेकिन इस बार चुप रहना सही नहीं था। उनके मुताबिक यह सिर्फ उनकी बात नहीं है, बल्कि उन तमाम महिलाओं की भी है, जो इस तरह के ऑनलाइन दुर्व्यवहार, फर्जी आरोपों और चरित्र हनन का शिकार होती हैं। उन्होंने इस तरह की हरकतों को अमानवीय और बेहद पीड़ादायक बताया और कहा कि इसे सामान्य या मनोरंजन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।

इंफ्लुएंसर ने मीडिया और सोशल मीडिया यूजर्स से भी जिम्मेदारी दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोग बिना सच्चाई जाने इस तरह की सामग्री को शेयर न करें, न ही उस पर अटकलें लगाएं। साथ ही पायल ने यह भी साफ किया कि उनके नाम और तस्वीर के दुरुपयोग को लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।

पायल गेमिंग का यह बयान एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि डिजिटल दौर में अफवाहें और फेक कंटेंट किस तरह किसी की छवि और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने साफ संदेश दिया है कि गलत जानकारी फैलाने वालों को अब चेतावनी नहीं, बल्कि जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा।

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