लहसुन भारतीय रसोई का ऐसा मसाला है, जिसके बिना खाने का स्वाद अधूरा सा लगता है। दाल हो, सब्जी हो या चटनी—हर जगह इसकी जरूरत पड़ती है। बाजार में मिलने वाला लहसुन न सिर्फ कई बार महंगा होता है, बल्कि उसमें केमिकल होने की आशंका भी रहती है। ऐसे में अगर आप घर पर ही ऑर्गेनिक और ताज़ा लहसुन उगा लें, तो यह सेहत के साथ-साथ बजट के लिहाज से भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
अच्छी बात यह है कि लहसुन उगाने के लिए न तो ज्यादा जगह चाहिए और न ही बहुत मेहनत। इसे आप गमले, बालकनी या छत पर आसानी से उगा सकते हैं। सही समय पर रोपण और थोड़ी सी नियमित देखभाल से कुछ ही महीनों में घर का उगा लहसुन तैयार हो जाता है।
लहसुन लगाने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है। अक्टूबर से फरवरी के बीच लगाया गया लहसुन बेहतर ग्रोथ देता है, क्योंकि इस दौरान तापमान पौधे के अनुकूल रहता है। इससे कलियां मजबूत बनती हैं और उत्पादन भी अच्छा होता है।
गमले के चुनाव में ध्यान रखें कि वह कम से कम 8 से 10 इंच गहरा हो और उसके नीचे पानी निकलने के लिए छेद मौजूद हों। मिट्टी हल्की, भुरभुरी और पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। इसके लिए बगीचे की मिट्टी, रेत और गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट को बराबर मात्रा में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लहसुन लगाने से पहले उसकी साबुत गांठ को अलग-अलग कलियों में तोड़ लें। इस बात का खास ध्यान रखें कि कलियों का छिलका न उतरे। हर कली को मिट्टी में 2 से 3 इंच गहराई तक लगाएं। नुकीला हिस्सा ऊपर की ओर और जड़ वाला हिस्सा नीचे की ओर होना चाहिए। कलियों के बीच थोड़ी दूरी रखें, ताकि पौधों को फैलने की जगह मिल सके।
पानी देने में संतुलन बेहद जरूरी है। लहसुन को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। मिट्टी को सिर्फ हल्का नम रखें और इस बात का ध्यान रखें कि गमले में पानी जमा न हो। आमतौर पर हफ्ते में दो से तीन बार पानी देना पर्याप्त होता है। ज्यादा पानी देने से जड़ें खराब हो सकती हैं।
लहसुन के पौधे को अच्छी धूप की जरूरत होती है। रोज़ कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप मिलने से पौधा स्वस्थ रहता है और कलियां अच्छी तरह विकसित होती हैं। गमले को ऐसी जगह रखें, जहां धूप और हवा दोनों मिलती रहें। बहुत ज्यादा ठंड या नमी से पौधे को बचाना जरूरी है।
प्लांटेशन के बाद समय-समय पर मिट्टी को हल्का सा ढीला करते रहें, ताकि जड़ों तक हवा पहुंचती रहे। महीने में एक बार जैविक खाद डालने से पौधे की ग्रोथ बेहतर होती है। अगर पत्तियों में पीला पड़ना या कीड़ों के लक्षण दिखें, तो नीम के तेल का हल्का छिड़काव करना फायदेमंद रहता है।
करीब तीन से चार महीने में लहसुन कटाई के लिए तैयार हो जाता है। जब पौधे की पत्तियां पीली होकर सूखने लगें, तो यह संकेत होता है कि लहसुन तैयार है। इसे मिट्टी से धीरे-धीरे निकालें और दो से तीन दिन तक छांव में सुखा लें। इसके बाद आपका घर का उगा ताज़ा और ऑर्गेनिक लहसुन इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार होता है।