छत्तीसगढ़ में एलाइड और हेल्थकेयर प्रोफेशन से जुड़े हजारों पेशेवरों के लिए एक अहम और लंबे समय से प्रतीक्षित कदम उठाया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य एलाइड एवं हेल्थकेयर प्रोफेशन काउंसिल के गठन को लेकर राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही राज्य में पैरामेडिकल और एलाइड हेल्थ सेक्टर को पहली बार एक संगठित, कानूनी और नियामक पहचान मिलने की दिशा साफ हो गई है।
यह परिषद National Commission for Allied and Healthcare Professions Act, 2021 के प्रावधानों के तहत गठित की जा रही है। अब तक फिजियोथेरेपी, लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजी, डायटेटिक्स और कई अन्य महत्वपूर्ण हेल्थकेयर पेशे न तो किसी ठोस केंद्रीय नियम के दायरे में थे और न ही राज्य स्तर पर इनके लिए स्पष्ट पंजीयन और निगरानी की व्यवस्था मौजूद थी। इसी कारण प्रशिक्षण की गुणवत्ता, योग्यता की मान्यता और पेशेवर अधिकारों को लेकर लंबे समय से असमंजस बना हुआ था।
परिषद के गठन के बाद इन सभी पेशों को एक ही दायरे में लाया जाएगा। मान्यता, पंजीयन, प्रशिक्षण मानक और सेवा गुणवत्ता से जुड़े नियम तय किए जाएंगे, जिससे न सिर्फ पेशेवरों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी बल्कि मरीजों को भी अधिक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
अधिसूचना के अनुसार परिषद के गठन की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगी। सबसे पहले नौ सदस्यीय खोज सह चयन समिति का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव होंगे, जबकि चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इस समिति में आयोजन सदस्य की भूमिका निभाएंगे। यही समिति राज्य परिषद के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के चयन के लिए आवेदन आमंत्रित करेगी और पूरी चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिषद का औपचारिक गठन किया जाएगा।
परिषद के अस्तित्व में आने से दस प्रमुख एलाइड और पैरामेडिकल क्षेत्रों को स्पष्ट मान्यता और नियमन मिलेगा। इनमें फिजियोथेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी जैसे थेरेप्यूटिक प्रोफेशन, मेडिकल लेबोरेटरी और लाइफ साइंस से जुड़े बायोटेक्नोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी विशेषज्ञ, ऑपरेशन थियेटर और एनेस्थीसिया तकनीशियन, न्यूट्रिशनल साइंस के तहत डायटीशियन और स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट, ऑफ्थैल्मिक साइंस के अंतर्गत ऑप्टोमेट्रिस्ट, कम्युनिटी केयर और बिहेवियरल हेल्थ से जुड़े साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर, रेडियोलॉजी एवं इमेजिंग टेक्नीशियन, मेडिकल टेक्नोलॉजी में डायलिसिस और कार्डियोवैस्कुलर विशेषज्ञ तथा हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट से जुड़े मेडिकल रिकॉर्ड एनालिस्ट शामिल हैं।
इस परिषद के बनने से इन सभी पेशेवरों को कानूनी पहचान के साथ-साथ पंजीयन की अनिवार्य व्यवस्था, मानकीकृत प्रशिक्षण ढांचा और पेशेवर आचार संहिता मिलेगी। इसका सीधा लाभ यह होगा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा और अव्यवस्थित या अप्रमाणित प्रैक्टिस पर रोक लगेगी। साथ ही राज्य के युवाओं के लिए एलाइड और हेल्थकेयर सेक्टर में करियर के नए, भरोसेमंद और सुरक्षित अवसर भी खुलेंगे। कुल मिलाकर यह पहल छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक संगठित, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।