भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को शुरुआती बढ़त ज्यादा देर टिक नहीं पाई और सत्र के दूसरे हिस्से में मुनाफावसूली हावी हो गई। दिन के ऊपरी स्तरों से फिसलते हुए प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए। कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 116.14 अंक यानी 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 85,408.70 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 35.05 अंक या 0.14 फीसदी टूटकर 26,142.10 के स्तर पर आ गया। सत्र के दौरान सेंसेक्स अपने दिन के उच्च स्तर से करीब 300 अंक तक नीचे फिसल गया।
बाजार पर दबाव की सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली रही। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को भारतीय बाजार से करीब 1,794.80 करोड़ रुपये की निकासी की। यह लगातार दूसरा सत्र रहा जब एफआईआई शुद्ध विक्रेता बने। इससे पहले तीन सत्रों तक उन्होंने खरीदारी की थी, लेकिन अचानक बदले रुख ने निवेशकों की धारणा को कमजोर कर दिया।
इसके साथ ही चुनिंदा सेक्टरों में मुनाफावसूली देखने को मिली। हालिया तेजी के बाद निवेशकों ने ऊंचे स्तरों पर मुनाफा काटना बेहतर समझा। आईटी, फार्मा और ऑयल एंड गैस शेयरों में दबाव दिखा। फार्मा सेक्टर में सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज लैब्स जैसे दिग्गज शेयरों में करीब एक फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई, जिसका असर समग्र बाजार पर भी पड़ा।
आईटी शेयरों में कमजोरी का सिलसिला लगातार दूसरे दिन जारी रहा। इसकी बड़ी वजह अमेरिका में एच-1बी वीजा सिस्टम से जुड़े संभावित बदलाव माने जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की ओर से संकेत दिए गए हैं कि आगे चलकर वीजा केवल लॉटरी के आधार पर नहीं, बल्कि ज्यादा वेतन और उच्च कौशल वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जा सकती है। इस खबर के बाद आईटी कंपनियों की ग्रोथ को लेकर निवेशक सतर्क हो गए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले आईटी शेयर चार सत्रों तक लगातार मजबूत रहे थे।
कुल मिलाकर, बाजार में आज की गिरावट को बड़ी बिकवाली से ज्यादा मुनाफावसूली और सतर्कता के दौर के तौर पर देखा जा रहा है। निवेशकों की नजर अब वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और सेक्टोरल ट्रेंड्स पर टिकी रहेगी, जो आने वाले सत्रों में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं।