सोना-चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड: लगातार तीसरे दिन ऑलटाइम हाई, सोना ₹1.37 लाख के करीब, चांदी ₹2.18 लाख पार

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घरेलू सर्राफा बाजार में सोना और चांदी दोनों ने लगातार तीसरे दिन नया इतिहास रच दिया है। 24 दिसंबर को जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, India Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार 24 कैरेट सोना 352 रुपये की तेजी के साथ 1,36,635 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इससे पहले यह 1,36,283 रुपये पर बंद हुआ था। इसी तरह चांदी में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला और एक किलो चांदी 7,934 रुपये महंगी होकर 2,18,954 रुपये प्रति किलो के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई। महज दस दिनों में चांदी 30 हजार रुपये से ज्यादा महंगी हो चुकी है, क्योंकि 11 दिसंबर को इसका भाव 1,88,281 रुपये प्रति किलो था।

IBJA के भावों और शहरों में चल रहे रेट्स के बीच फर्क की वजह भी साफ है। IBJA की कीमतों में 3% जीएसटी, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता, इसलिए अलग-अलग शहरों में रेट्स ज्यादा दिखाई देते हैं। इन्हीं भावों के आधार पर Reserve Bank of India सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत तय करता है और कई बैंक इन्हें गोल्ड लोन के लिए रेफरेंस रेट के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

अगर पूरे साल की बात करें तो 2025 में कीमती धातुओं ने निवेशकों को चौंका दिया है। साल की शुरुआत में 31 दिसंबर 2024 को जहां 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम था, वहीं अब यह 60,473 रुपये की छलांग लगाकर 1,36,635 रुपये तक पहुंच चुका है। चांदी ने भी इससे कमाल का प्रदर्शन किया है। एक साल में चांदी 1,32,937 रुपये महंगी हो गई है और 86,017 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 2,18,954 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है।

सोने की कीमतों में आई इस तेजी के पीछे कई वैश्विक कारण काम कर रहे हैं। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के चलते डॉलर कमजोर पड़ा है, जिससे सोने की होल्डिंग कॉस्ट घटी और निवेशकों का रुझान बढ़ा। रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ते जियोपॉलिटिकल तनाव ने भी सोने को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर और मजबूत किया है। इसके अलावा चीन जैसे देशों के सेंट्रल बैंक लगातार अपने रिजर्व में सोना जोड़ रहे हैं, जिससे डिमांड बनी हुई है और दाम ऊपर जा रहे हैं।

चांदी की तेजी भी अब सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं रही। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बढ़ते इस्तेमाल के कारण इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही अमेरिका में संभावित टैरिफ को लेकर डर के चलते कंपनियां पहले से चांदी का स्टॉक जमा कर रही हैं, जिससे ग्लोबल सप्लाई पर दबाव बढ़ा है। मैन्युफैक्चरर्स भी प्रोडक्शन रुकने की आशंका में पहले ही खरीदारी कर रहे हैं, जिससे कीमतों में उछाल बना हुआ है।

बाजार जानकारों का मानना है कि यह तेजी फिलहाल थमने वाली नहीं है। Kedia Advisory के डायरेक्टर Ajay Kedia के मुताबिक चांदी की मांग में अभी भी मजबूती है और अगले एक साल में इसके 2.50 लाख रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना है। वहीं सोने की मांग भी मजबूत बनी हुई है और आने वाले समय में यह 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर छू सकता है।

हालांकि, ऊंचे दामों के बीच निवेशकों और खरीदारों को सतर्क रहने की जरूरत है। सोना खरीदते समय हमेशा बीआईएस हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड लेना जरूरी है और खरीद के दिन की कीमत को भरोसेमंद सोर्स से जरूर मिलान करना चाहिए। तेजी के इस दौर में सही जानकारी और समझदारी ही सबसे बड़ा बचाव है।

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