छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में फर्जी अफसर बनकर अवैध उगाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। धान परिवहन में लगे वाहनों से जबरन वसूली करते एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि उसके तीन साथी भागने में सफल रहे। यह घटना जिले के केजेदाह गांव की बताई जा रही है, जहां आरोपी खुद को पुलिस का टीआई बताकर लंबे समय से अवैध वसूली कर रहा था।
ग्रामीणों के मुताबिक, आरोपी रामकुमार श्रीवास अपने साथियों के साथ कथित तौर पर तहसीलदार के शासकीय वाहन में घूमता था और खुद को अधिकारी बताकर धान से लदे वाहनों को रोकता था। दस्तावेजों की जांच के नाम पर वह चालकों से पैसे वसूल करता था। जब गांव के लोगों को उसकी गतिविधियों पर शक हुआ, तो उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और बंधक बना लिया। इस दौरान उसके तीन अन्य साथी मौके से फरार हो गए।
मामले ने उस वक्त और तूल पकड़ लिया जब यह आरोप सामने आया कि इस पूरे गिरोह में दो पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी हो सकती है। इतना ही नहीं, वन विभाग के चेक पोस्ट में तैनात एक चौकीदार के साथ मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं, जिस शासकीय वाहन का इस्तेमाल किया जा रहा था, उसे लेकर संबंधित तहसीलदार ने खुद को पूरे मामले से अनजान बताया है।
घटना की सूचना मिलने पर लोहारा के तहसीलदार विवेक गुहैया मौके पर पहुंचे, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें भी कुछ समय तक घेरकर रखा। हालात बिगड़ते देख अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया, जिसने ग्रामीणों को समझाइश देकर स्थिति को नियंत्रित किया।
पुलिस ने फर्जी टीआई रामकुमार श्रीवास को गिरफ्तार कर लिया है और उसके फरार साथियों की तलाश जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह मामला संगठित अवैध उगाही गिरोह से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है और आगे की जांच में बड़े खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल, पूरे मामले ने प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।