छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के लिए यह एक निर्णायक क्षण है, जब औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम सामने आया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के सतत प्रयासों, दूरदर्शी नेतृत्व और उद्योग-अनुकूल सोच का प्रतिफल यह है कि जिले को अब एक ऐसी परियोजना मिलने जा रही है, जो उसकी आर्थिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगी। देश की प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने राजनांदगांव में 10,500 करोड़ रुपये के निवेश से गैस पाइपलाइन आधारित यूरिया निर्माण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
यह निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘छत्तीसगढ़ स्किल टेक’ कार्यक्रम के दौरान सामने आया, जहां कौशल विकास विभाग और वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों ने राज्य में निवेश की मंशा जाहिर की। उर्वरक, टेक्सटाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर जैसे क्षेत्रों से आए कुल प्रस्तावों का आकार 13,690 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जिनमें सबसे बड़ा और रणनीतिक प्रस्ताव गेल का रहा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में प्रस्तुत इस प्रस्ताव के अनुसार राजनांदगांव में स्थापित होने वाला यूरिया संयंत्र न केवल राज्य की औद्योगिक आधारशिला को मजबूत करेगा, बल्कि रोजगार के व्यापक अवसर भी पैदा करेगा। अनुमान है कि इस परियोजना से करीब 3,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 1.27 मिलियन टन यूरिया की होगी, जिससे राज्य के कृषि क्षेत्र को स्थायी मजबूती मिलेगी और किसानों को उर्वरक की उपलब्धता में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को उर्वरक उत्पादन के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभारने की क्षमता रखती है।
औद्योगिक निवेश के साथ-साथ राजनांदगांव के समग्र विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना वर्ष 2025–26 के तहत भी अहम स्वीकृतियां दी गई हैं। 87 लाख 58 हजार रुपये की लागत से 17 विकास कार्यों को मंजूरी मिली है, जिनमें सामुदायिक भवनों का निर्माण, व्यावसायिक परिसरों का विकास, रंगमंच, सीसी रोड, मुक्तिधाम शेड और प्रतीक्षालय जैसी जनोपयोगी अधोसंरचनाएं शामिल हैं। इन कार्यों से स्थानीय नागरिकों को प्रत्यक्ष सुविधाएं मिलेंगी और शहरी–ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में ठोस सुधार होगा।
इस ऐतिहासिक औद्योगिक निवेश और विकास कार्यों की स्वीकृति पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राजनांदगांव के आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास को नई दिशा देगा और जिले को एक उभरते विकास केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। कुल मिलाकर, यह पहल न केवल निवेश का आंकड़ा है, बल्कि राजनांदगांव के भविष्य की रूपरेखा भी है, जो रोजगार, कृषि और अधोसंरचना—तीनों मोर्चों पर स्थायी परिवर्तन का संकेत देती है।